मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कारम डैम कांड में 8 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के दोस्त अशोक भारद्वाज की कंपनी सारथी कंस्ट्रक्शन सहित 2 कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है।
शिवराज सिंह चौहान के ऑफिस की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्माणाधीन कारम बांध में हुई लापरवाही को लेकर बड़ा निर्णय लेते हुए आठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दिया है। बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को पूर्व में ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है।
निलंबित होने वाले अधिकारियों में सीएस घटोले मुख्य अभियंता, बीएल निनामा कार्यपालन यंत्री, पी जोशी अधीक्षण यंत्री जल संसाधन, वकार अहमद सिद्धकी एसडीओ विजय कुमार जत्थाप उपयंत्री, अशोक कुमार उपयंत्री, दशाबंता सिसोदिया उपयंत्री, आरके श्रीवास्तव उपयंत्री शामिल हैं।
भोपाल समाचार डॉट कॉम की खबर का असर
यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि इस मामले में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने मिलकर एक नई बहस शुरू कर दी थी। भाजपा नेताओं का कहना था कि धार जिले में जो फूट गया है वह बांध नहीं बल्कि तालाब था। कांग्रेस के नेता यह साबित करने पर तुल गए थे कि वह तालाब नहीं बांध था। जागरूक नागरिक उमाकांत कश्यप ने भोपाल समाचार के माध्यम से सरकार से पूछा था कि बांध हो या तालाब, केवल यह बताओ साहब, घोटाला करने वाले जेल जाएंगे या नहीं (यहां क्लिक करके पढ़िए)। सुबह यह खुला खत प्रसारित हुआ और शाम को मुख्यमंत्री ने 8 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया।
मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल
दिनांक: 26/08/2022, आदेश कमांक एफ 16-12/2022/पी-2/31
दिनांक 12.08.2022 को धार जिले की कारम मध्यम सिंचाई परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन कारम बांध के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण बांध के क्षतिग्रस्त होने की परिस्थितियां / कारण एवं जिम्मेदार अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारण किये जाने के संबंध में समसंख्यक आदेश दिनांक 15.08.2022 के माध्यम से अपर सचिव, जल संसाधन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति के पत्र दिनांक 20.08.2022 से प्राप्त प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन अनुसार सुव्यवस्थित प्लानिंग के बिना नाला क्लोजर का कार्य प्रारंभ किये जाने, जल प्रवाह हेतु समुचित व्यवस्था नहीं करने, ट्रॅकेटेड सेक्शन खड़ा कर स्पेसिफिकेशन के विरूद्ध कार्य कराने के फलस्वरूप अनेकों स्थानों पर पाइपिंग होने, बांध के दायें पार्श्व में डाउन स्ट्रीम में मिट्टी स्लिप होने से बांध के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी, जिसके कारण डाउन स्ट्रीम में जन-धन, पशुधन हानि से बचाने के लिये बांध के दायें पार्श्व में पहाड़ में आउटलेट चैनल बनाकर पानी की निकासी करनी पड़ी।
2/- अतः राज्य शासन एत्दद्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत (1) श्री विजय कुमार जत्थाप, उपयंत्री (2) श्री. अशोक कुमार राम, उपयंत्री (3) कु. दशावन्ता सिसोदिया, उपयंत्री एवं (4) श्री आर. के. श्रीवास्तव, उपयंत्री, जल संसाधन विभाग को बांध पर चल रहे कार्यो का समुचित पर्यवेक्षण न करने, कार्य गुणवत्ता के अनुरूप न कर कार्य में लापरवाही बरतने तथा कार्य विभाग मैन्युअल वॉल्यूम -2 के अपेन्डिक्स 1.27 के अनुसार अपने कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं करने के कारण बांध निर्माण के दौरान उत्पन्न हुई स्थिति के लिये उत्तरदायी पाए जाने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर कार्यालय मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग, उज्जैन में संबद्ध करता है।
3/- (1) श्री विजय कुमार जत्थाप, उपयंत्री (2) श्री अशोक कुमार राम, उपयंत्री (3) कु. दशावन्ता सिसोदिया, उपयंत्री एवं (4) श्री आर.के. श्रीवास्तव, उपयंत्री को संबद्ध कार्यालय में उपस्थिति की सूचना प्रस्तुति के दिनांक से नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार
अवर सचिव, मध्य प्रदेश शासन, जल संसाधन विभाग विभाग
भोपाल, दिनांक: 26/08/2022
पृ० क्रमांक एफ 16-12/2022/पी-2/31
प्रतिलिपि :
1. प्रमुख सचिव, मान. मुख्यमंत्री कार्यालय, म.प्र.शासन, भोपाल। 2. उप सचिव, मुख्य सचिव कार्यालय, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल
3. प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल।
4. मुख्य अभियंता, नर्मदा ताप्ती कछार, जल संसाधन विभाग, इन्दौर।
5. मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग, उज्जैन ।