मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार दूसरे दिन बाढ़ राहत कार्यों में लगे हुए हैं। कभी हेलीकॉप्टर, कभी नाव और कभी पानी में उतर कर बाढ़ पीड़ितों तक पहुंच रहे हैं। उनकी मदद के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के मैदान में उतरने के कारण प्रशासनिक गतिविधियों में काफी कसावट आ गई है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने आप में कंट्रोल रूम हो गए हैं
बाढ़ राहत कार्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आज दूसरा दिन है। वह पूरे समय लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद पहुंचाने में लगे हुए हैं। एक प्रकार से सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने आप में कंट्रोल रूम हो गए हैं। बाढ़ में फंसे हुए लोगों की सूचनाएं सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच रही हैं और वह रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम से डायरेक्ट कनेक्ट कर रहे हैं। लगातार क्षेत्र में होने के कारण बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर रहे हैं और ग्राउंड जीरो की स्थिति पता होने के कारण समस्याओं का बेहतर निराकरण कर पा रहे हैं।
अच्छा होता यदि कमलनाथ और गोविंद सिंह भी होते
कांग्रेस पार्टी के नेता भले ही इसे बाढ़ पर्यटन कहें परंतु मुख्यमंत्री के मैदान में उतरने और लगातार दौरा करने से लोगों की मदद के लिए अभियान तेज हो जाती हैं। प्रशासनिक गतिविधियां ज्यादा बेहतर तरीके से संचालित होती हैं। बाढ़ पीड़ितों की काफी हित में होता यदि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए लगातार दौरे पर होते।