मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता के सबसे बड़े दर्द का निवारण करने के अभियान में जुट गए हैं। उन्होंने आज एक बार फिर कहा कि जो कर्मचारी रिश्वत मांग रहा है उसकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई करो।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले पन्ना जिले की समीक्षा बैठक के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि आपके जिले में आवास योजना में रिश्वत मांगने की बहुत सारी शिकायतें आई हैं। उन्होंने कलेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि रिश्वत मांगने वाले कर्मचारियों को बर्खास्त करो। आज शहडोल जिले की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यही बात फिर से दोहराई है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान जो पैसे की मांग कर रहा है उसकी सेवाएं समाप्त करो। हमें ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है। रिश्वतखोरी की शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि तेजी से प्रक्रिया पूरी करके रिश्वत मांगने वाले कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करो, क्योंकि जो रिश्वत मांग रहा है उसे साथ की सेवा में रहने का कोई हक नहीं है।
यहां उल्लेख करना प्रासंगिक है कि सातवें वेतनमान की बात शासकीय कर्मचारियों को उनकी योग्यता से कहीं अधिक वेतन मिल रहा है। इसके बावजूद मध्यप्रदेश में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता। हालात यह है कि मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड में नियमानुसार काम करवाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है, अन्यथा किसी भी आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाता।
बिजली का कनेक्शन लेने से लेकर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने तक हर काम में रिश्वत लगती है।