जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लोकायुक्त को पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में ओबीसी आयोग के चेयरमैन गौरीशंकर बिसेन की आय और संपत्ति की जांच करने निर्देश दिए हैं। पूर्व विधायक एवं समाजवादी पार्टी के नेता किशोर समरीते ने उनके खिलाफ एक याचिका प्रस्तुत की थी। इस निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया गया है।
अपनी याचिका में पूर्व विधायक किशोर समरीते ने दावा किया है कि सन 2008 से 2018 तक विधायक एवं मंत्री रहते हुए उनकी संपत्ति में असामान्य वृद्धि हुई है। कई बहुमूल्य प्रॉपर्टी उनके परिवार के सदस्यों एवं रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई है। अपनी बेटी के नाम पर पुणे में ₹5000000 का फ्लैट खरीदा गया है। बालाघाट में ढाई करोड रुपए की जमीन, पत्नी के नाम पर ₹9100000 की जमीन, 7 करोड़ कृषि भूमि और मदरसा के पास 5 एकड़ जमीन खरीदी गई है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला काफी लंबे समय से विवादित है। इससे पूर्व भी हाई कोर्ट द्वारा लोकायुक्त को निर्देश दिए गए थे। श्री गौरीशंकर विषय में हाई कोर्ट के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को मामले की सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने लोकायुक्त जांच करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में राज्य ओबीसी आयोग के चेयरमैन की ओर से वरिष्ठ वकील रवि अग्रवाल और स्वप्निल गांगुली ने कहा कि इस मामले में दो बार जांच की जा चुकी है लेकिन आरोप साबित नहीं हुए हैं।