सागर। बिजली कंपनी के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या होगी। उपभोक्ताओं से ईमानदारी की बात करती है, बिजली चोरी करने वालों को जेल भेज देती है परंतु अपने अधिकारियों को लगाम नहीं लगा पाती। लोकायुक्त पुलिस ने छतरपुर के चीफ इंजीनियर ऑफिस में छापामार कार्रवाई करते हुए खुलेआम चलने वाली रिश्वतखोरी का खुलासा किया है। चीफ इंजीनियर सहित तीन को गिरफ्तार किया गया है।
घटनाक्रम के मुताबिक छतरपुर के वार्ड 10 के बजरंग नगर निवासी शैलेंद्र रैकवार की दोना फैक्ट्री है। शैलेंद्र रैकवार की फैक्ट्री में बिना मीटर के बिजली का उपयोग करते बिजली कंपनी के अफसरों ने पकड़ा था। इसलिए बिजली चोरी का मामला बना रही थी। इसे लेकर शैलेंद्र रैकवार ने अभियंता रिंकू मैना सहित टेस्टिंग सहायक प्रवीण कुमार तिवारी व लाइन परिचालक घनश्यामदास दुबे से केस न बनाने के लिए कहा लेकिन कैस न बनाने व स्थायी मीटर लगाने के बदले तीनों ने उससे 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। हालांकि शैलेंद्र ने रिश्वत देने से मना किया लेकिन बाद में वह तैयार हो गया।
रिश्वत की बात पक्की होने पर शैलेंद्र रैकवार, लोकायुक्त सागर की टीम के पास पहुंचा और अभियंता रिंकू मैना, प्रवीण कुमार तिवारी व घनश्याम दुबे के खिलाफ शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की पुष्टि की और छापामार कार्रवाई की रणनीति बनाई गई। सोमवार को शैलेंद्र रैकवार लोकायुक्त पुलिस द्वारा दिए गए केमिकल युक्त 80 हजार रुपए लेकर मुख्य अभियंता रिंकू मैना के कार्यालय पर पहुंचा।
लोकायुक्त की टीम कुछ दूर पर ही थी। इसके बाद शैलेंद्र ने 80 हजार रुपए की राशि रिंकू मैना को दिए। इसके बाद उन्होंने उस राशि को अपने अधीनस्थों को भी गिनने को दिया। इसी दौरान लोकायुक्त की टीम कार्यालय में पहुंच गई और मुख्य अभियंता सहित तीनों को रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्यवाई के दौरान उपुअ राजेश खेड़े, निरीक्षक के पी एस बेन, निरीक्षक एवं विपुस्था स्टाफ आदि मौजूद थे।