भोपाल। मध्य प्रदेश के सांसदों का रिपोर्ट कार्ड सामने आ गया है। मध्य प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी की तरफ से सिर्फ एक सांसद हैं, नाम है नकुल नाथ। उन्होंने संसद में सिर्फ 8 सवाल पूछे और केवल एक बार बहस में शामिल हुए। उनके पिता और मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ओर से सीएम कैंडिडेट कमलनाथ को भी विधानसभा में जनता की आवाज उठाना पसंद नहीं है। वह खुद बयान दे चुके हैं, उन्हें विधानसभा में जाना ही पसंद नहीं है। मध्य प्रदेश के सांसदों के रिपोर्ट कार्ड में कई महत्वपूर्ण खुलासे हो रहे हैं। लोकतंत्र में सदन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसमें उठाए गए सवाल ही लोकतंत्र को मजबूत करते हैं। जनता की समस्याओं का समाधान ट्विटर से नहीं बल्कि सदन से होता है, क्योंकि सदन में पूछे गए सवालों का रिकॉर्ड होता है।
सांसद नकुल नाथ- जनता के लिए कितने जिम्मेदार हैं पढ़िए
मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ओर से सिर्फ एक सांसद है। यानी पूरे मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सांसद नकुल नाथ पर है। इस नाते उन्हें लोकसभा में सवालों की बौछार कर देनी चाहिए थी लेकिन शायद उन्हें जनता के हित में सवाल पूछना पसंद नहीं। उन्होंने सिर्फ 8 सवाल पूछे जबकि मंदसौर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुधीर गुप्ता ने 466 सवाल पूछे। यहां नोट करना जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी की उत्तराधिकार नीति के तहत कमलनाथ के बाद नकुल नाथ मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सीएम कैंडिडेट होंगे।
सांसद नकुल नाथ को संसद में बहस करना पसंद नहीं
पिता कमलनाथ का 40 साल का राजनीतिक अनुभव लेकर सांसद बने नकुल नाथ को संसद में जनता के हित में सरकार से बहस करना पसंद नहीं है। जब भी कहा जाता है कि संसदीय परंपरा में बहस करने से ही लोकतंत्र मजबूत होता है और जनता के हित सुरक्षित होते हैं। सांसद नकुल नाथ सिर्फ एक बार बहस में शामिल हुए। जबकि सतना से भारतीय जनता पार्टी के सांसद गणेश सिंह 75 बार बहस में शामिल हुए।
कमलनाथ को भी विधानसभा में बहस करना पसंद नहीं
मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ओर से सीएम कैंडिडेट कमलनाथ को विधानसभा के भीतर जनता के हित में बहस करना पसंद नहीं है। जब उनसे सवाल किया गया कि वह विधानसभा की गतिविधियों में शामिल क्यों नहीं होते तो उन्होंने खुद कहा था कि वह विधानसभा में भाजपा सरकार का झूठ सुनने जाना पसंद नहीं करते।