मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार ने वह काम किया जो सभी जिलों के कलेक्टरों को करना चाहिए। स्कूल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों को गणित का 1 सवाल हल करने के लिए दिया। जब बच्चे हल नहीं कर पाए तो उन्होंने वही सवाल हेड मास्टर को हल करने के लिए दिया। हेड मास्टर को तीन बार मौका दिया गया परंतु तीनों बार सवाल का गलत जवाब मिला। कलेक्टर में हेड मास्टर को बच्चे हटाने और एक इंक्रीमेंट रोकने का आदेश दिया है।
बालाघाट कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार IAS द्वारा सरकारी स्कूल का निरीक्षण
मामला, शासकीय प्राथमिक शाला मोहगांव, विकासखंड बिरसा, जिला बालाघाट, मध्य प्रदेश का है। कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार स्कूल का निरीक्षण करने के लिए आए थे। उन्होंने स्कूली बच्चों को 441 को 4 से भाग करने के लिए कहा। बच्चे यह सवाल हल नहीं कर पाए। शिक्षक और हेड मास्टर सोना धुर्वे ने कलेक्टर से कहा कि सर अभी बच्चों को सिखा रहे हैं, दो साल लॉकडाउन होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है, इसलिए समस्या है।
कलेक्टर ने हेड मास्टर का टेस्ट लिया, 441 में 4 का भाग नहीं दे पाई
कलेक्टर ने हेड मास्टर सोना धुर्वे की सफाई सुनकर उनको ही सवाल हल करने के लिए कहा। कुछ देर के बाद मैडम ने सवाल तो हल किया, लेकिन उत्तर गलत आया। कलेक्टर ने दोबारा सवाल को हल करने के लिए कहा। इस बार भी सही जवाब नहीं आया। कलेक्टर ने हेड मास्टर से पूछा कि भाग करने के बाद कैसे पता करेंगे कि यह सही है या नहीं। तो मैडम कुछ जवाब नहीं दे सकी। इस पर कलेक्टर ने जमकर फटकार लगाई। उनकी एक वेतनवृद्धि रोकने और उन्हें हेड मास्टर के प्रभार से हटाने के निर्देश दिए हैं।