मध्यप्रदेश में एक बार फिर वही स्थिति बन गई है जो पहले बनी थी। सरकारी खजाना खाली है और हजारों कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं। चुनाव से पहले किसी भी प्रकार का तनाव डालने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार एक बार फिर कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
मध्यप्रदेश शासकीय कर्मचारी कल्याण मंडल के चेयरमैन रमेश शर्मा ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से ही सरकार को प्रस्ताव दिया गया है। प्रस्ताव में यह भी लिखा गया है कि जैसे ही इन कर्मचारियों का रिटायरमेंट होगा वैसे ही बढ़ाई गई सेवानिवृत्ति की आयु वापस कम हो जाएगी। कुल मिलाकर बात सिर्फ इतनी सी है कि सरकार किसी भी तरह सन 2023 में इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को रिटायर नहीं करना चाहती।
मध्य प्रदेश का सरकारी खजाना खाली नहीं है परंतु हजारों कर्मचारी जब एक साथ रिटायर होंगे तो खजाने से बहुत बड़ी रकम चली जाएगी। सरकार चुनावी साल में पूरा पैसा ऐसे कामों पर खर्च करना चाहती है जहां से वोटों का फायदा होता हो। रिटायर होने वाले कर्मचारी को प्रोविडेंट फंड का पैसा देने से उसका अपना वोट मिलने की भी गारंटी नहीं है।