भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने शिक्षकों की स्थाई स्थानांतरण नीति को आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सैद्धांतिक सहमति दे दी है। कृपया याद रखें कि यह अंतिम मंजूरी नहीं है। इस नीति के तहत बाहरी शिक्षक को प्रमोशन के पद पर पदस्थ नहीं किया जाएगा।
शिक्षकों की नई तबादला नीति में पहले प्रशासनिक आधार पर तबादलों को प्राथमिकता दी जाएगी और उसके बाद स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए विकल्प उपलब्ध होगा। गंभीर शिकायत, प्रतिनियुक्ति से वापसी, न्यायालय के निर्णय का पालन और स्कूलों में खाली पद की पूर्ति के लिए प्रशासनिक स्तर पर ट्रांसफर किए जाएंगे। यह ट्रांसफर पॉलिसी स्कूल शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों (शिक्षक एवं अन्य सभी प्रकार के) पर लागू होगी। हर साल ट्रांसफर की लास्ट डेट 15 मई निर्धारित की गई है। ट्रांसफर की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ट्राइबल एरिया में प्रशासकीय आधार पर पदस्थ टीचर्स को प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा।
मध्यप्रदेश में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं होगी
पॉलिसी के मुताबिक, दूसरे विभागों में टीचर को प्रतिनियुक्ति पर विशेष परिस्थिति में ही भेजा जाएगा। टीचर व प्रिंसिपल को जनप्रतिनिधियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा। नए टीचर को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में तीन साल या परिवीक्षा अवधि पूरी करनी होगी। इन टीचर्स को पूरी सर्विस में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों में रहना होगा। उन्हें इसका वचन पत्र देना होगा। हालांकि विशेष स्कूलों के लिए चयन परीक्षा से चयनित शिक्षकों को इसमें राहत दी जाएगी।
10 साल से शहर में पदस्थ शिक्षक गांव भेजे जाएंगे
शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। ऐसे टीचर्स स्वैच्छिक ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। अध्यापक संवर्ग से आए शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 5 से 10 साल सेवा देनी होगी, जबकि तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा व 40% या उससे अधिक नि:शक्तता होने पर तबादला नहीं किया जाएगा।
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ट्रांसफर पॉलिसी की खास बातें
- 100% परीक्षा परिणाम आने पर प्राथमिकता।
- स्वयं अथवा परिवार के सदस्य गंभीर बीमार होने पर प्राथमिकता।
- शादी हो जाने के बाद पति-पत्नी का निवास या कार्यस्थल।
- दिव्यांग, विधवा, विदुर, कोरोना पीड़ित को इलाज एवं जीवन यापन के लिए सुविधा अनुसार।
- राज्य अथवा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को प्राथमिकता।
- अतिशेष शिक्षकों को एक से अधिक आवेदन होने पर प्राथमिकता।
- नवीन स्कूल अथवा संकाय के प्रारंभ होने पर सेट अप में संशोधन 31 दिसंबर तक किया जाएगा।
- एजुकेशन पोर्टल पर कर्मचारियों की जानकारी 15 जनवरी तक अपडेट की जाएगी।
- रिक्त पदों का निर्धारण 31 जनवरी तक किया जाएगा।
- रिक्त पदों की जानकारी एमपी एजुकेशन पोर्टल पर 1 मार्च तक अपलोड की जाएगी।
- ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की लास्ट डेट 31 मार्च होगी।
- 30 अप्रैल तक ट्रांसफर आर्डर जारी किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी
• यह नीति सत्र 2023-24 से प्रभावी होगी।
• सभी संवर्गों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया 31 मार्च से 15 मई के मध्य पूरी की जाएगी।
• पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन करना होगा।
• पहले प्रशासनिक स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी।
• नवीन नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में कम से कम 3 वर्ष और अपने संपूर्ण सेवाकाल के न्यूनतम 10 वर्ष कार्य करना होगा।
• 10 वर्ष या इससे अधिक अवधि से एक ही संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ • • • शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा।
• ऐसे शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति के 3 वर्ष शेष है अथवा गंभीर बीमारी या विकलांगता से पीड़ित है, उन्हें इसे प्रक्रिया से मुक्त रखा जाएगा।
• स्थानांतरण में वरीयता क्रम निर्धारित किया गया है।
• शिक्षको को निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
• स्वैच्छिक स्थानांतरण भी ऑनलाइन होंगे।
• उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल और सीएम राइज स्कूलों में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे।
• प्राचार्य/सहायक संचालक या उससे वरिष्ठ पदों के स्वैच्छिक स्थानांतरण आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे लेकिन उनका निराकरण ऑफलाइन भी किया जा सकेगा।
• रिलीविंग और ज्वाइनिंग की कार्यवाही ऑनलाइन होगी।
• एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के बाद विशेष परिस्थिति छोड़कर 3 वर्ष तक स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा।
• सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई शाला शिक्षक विहीन न हो।