जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के खिलाफ एक और याचिका दाखिल हो गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि EWS (अनारक्षित जाति के निर्धन उम्मीदवार) और ओबीसी, दोनों के आरक्षण प्रावधान समान होनी चाहिए। बताया गया है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने EWS के नाम पर केवल अनारक्षित सीटों में से 10% सीट आरक्षित की है, ओबीसी की तरह प्राप्तांक में छूट का प्रावधान नहीं किया। जबकि MPPEB द्वारा किया गया है।
सतना के रहने वाले डॉ प्रवीण कुमार द्विवेदी ने याचिका प्रस्तुत की है। हाईकोर्ट में अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर उनका पक्ष प्रस्तुत करेंगे। एडवोकेट ठाकुर ने बताया कि 20 दिसंबर, 2022 को जारी किए गए MPPSC सेवा भर्ती परीक्षा संशोधित नियम में स्पष्ट रूप से EWS को एक आरक्षित वर्ग मान्य किया गया है। इन नियमों में इस वर्ग को OBC वर्ग के समान न्यूनतम अर्हता अंक निर्धारित किए जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद PSC द्वारा EWS के लिए अनारक्षित वर्ग के बराबर क्वालीफाई अंक का निर्धारण किया गया है। इससे आरक्षण का उद्देश्य ही पूरा नहीं होगा। अनारक्षित वर्ग तथा आरक्षित वर्ग में कोई अंतर ही नहीं रहेगा।
MPPSC NEWS- डेंटिस्ट भर्ती परीक्षा में आरक्षण विवाद, हाई कोर्ट में याचिका
हाल ही में PSC ने दन्त चिकित्सा परीक्षा 2022 में EWS वर्ग को परीक्षा के किसी भी स्तर पर दी जाने वाली छूट अनारक्षित वर्ग के ही समान रखी है। आरक्षित वर्ग SC, ST व OBC को 10 अंकों की छूट प्रदान की गई है। याचिका में EWS को OBC के बराबर क्वालीफाई अंकों का निर्धारण किए जाने की मांग की गई है।
हाल ही में शिक्षक पात्रता परीक्षा में EWS को ओबीसी के बराबर 50 फीसदी मिनिमम क्वालीफाई अंकों का निर्धारण किया गया है। इसके अलावा व्यापमं द्वारा आयोजित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ईडब्ल्यूएस को ओबीसी के समतुल्य क्वालीफाई अंको का निर्धारण किया जाता है।