बाल विवाह करवाने वाले व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकती है जानिए- PCM act,2006

Bhopal Samachar
बाल विवाह को भारतीय कानून में एक गंभीर अपराध माना है। क्योंकि निर्धारित आयु से पूर्व गर्भवती हुई लड़की की गर्भ काल में या प्रसव काल में मृत्यु हो सकती है। यानी बाल विवाह लड़की की मृत्यु का कारण हो सकता है। 

वर्तमान में सरकार ने लड़का और लड़की की आयु में परिवर्तन प्रस्तावित किया है। लड़की के लिए 21 वर्ष और लड़के के लिए न्यूनतम आयु 23 वर्ष निर्धारित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। यहाँ हम बात कर रहे हैं ऐसे व्यक्तियों की जो बाल विवाह को करवाते हैं। यह, माता-पिता, संरक्षक, रिश्तेदार या कोई संस्था भी हो सकती है। आइए जानते हैं कि इनके खिलाफ किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 10 की परिभाषा

जो कोई व्यक्ति बाल विवाह करवाएगा या उसको संचालित करेगा या बाल विवाह करवाने के लिए निर्देशित करेगा, दुष्प्रेरित करेगा (यानी जो व्यक्ति बाल विवाह का समर्थन करेगा) तब ऐसे व्यक्ति को अधिकतम दो वर्ष की कारावास या एक लाख रुपए जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है।

नोट:- यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं इनका विचारण जिला न्यायालय (सिविल कोर्ट) द्वारा किया जाता है एवं शिकायत भी उक्त न्यायालय में दर्ज की जाती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!