भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर, सूबेदार, प्लाटून कमांडर और समकक्ष अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में पुलिस मुख्यालय वह करने जा रहा है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गलत बताया था और मध्यप्रदेश शासन ने नियम बदल दिया था।
भर्ती परीक्षा भ्रष्टाचार पर पीएम मोदी ने क्या कहा था मन की बात में
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2015 में मन की बात कार्यक्रम में सभी प्रकार के गैर राजपत्रित कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में इंटरव्यू खत्म करने और पुलिस भर्ती में फिजिकल टेस्ट की मेरिट लिस्ट को भ्रष्टाचार का कारण बताते हुए इसे खत्म कर देने की जरूरत बताई थी। प्रधानमंत्री के बयान के बाद केंद्रीय कार्मिक विभाग ने दिसंबर 2015 में जारी एक आदेश में स्पष्ट किया कि सन 2016 से गैर राजपत्रित (ग्रुप बी, ग्रुप सी और ग्रुप डी) अधिकारी कर्मचारियों के पदों की भर्ती में इंटरव्यू नहीं होगा। फिजिकल टेस्ट होगा परंतु मेरिट लिस्ट नहीं बनेगी। फिजिकल टेस्ट पास करने वाला उम्मीदवार एलिजिबल होगा।
हमेशा की तरह मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले को अपने यहां लागू कर दिया था। अब जबकि मध्यप्रदेश में सब इंस्पेक्टर, सूबेदार, प्लाटून कमांडर और सब इंस्पेक्टर (रेडियो) की भर्ती हो रही है, पुलिस मुख्यालय इस नियम को बदलकर पुरानी व्यवस्था पर आना चाहता है। एक इंटर ऑफिस सर्कुलर जारी किया गया है। जिसमें इंटरव्यू के 50 अंक और फिजिकल टेस्ट के 100 अंक निर्धारित करें की सिफारिश की गई है।
संजीव शमी, एडीजी भर्ती एवं चयन का एक बयान सामने आया है जो इस खबर की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा है कि यह हमारी विभागीय प्रक्रिया है, मैं इस संबंध में अभी कोई कमेंट नहीं कर सकता हूं। अगर प्रक्रिया में किसी तरह का कोई बदलाव होता है, तो इसके बारे में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा मोदी के मन की बात मानते हैं या पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मन की बात।