हर बड़ी शुरुआत एक छोटे कदम से होती है। रेडियो स्टेशन एक बहुत बड़े इन्वेस्टमेंट का सब्जेक्ट है परंतु यदि आपका रेडियो इंटरनेट के माध्यम से चलाया जाए तो यह एक प्रकार से जीरो इन्वेस्टमेंट बिजनेस हो जाएगा।
आजकल सब के पास स्मार्टफोन है और हेडफोन भी है। मनपसंद म्यूजिक के लिए दर्जनों विकल्प मौजूद है परंतु लोकल रेडियो हमेशा पॉपुलर हो जाते हैं। लोकल लोगों के इंटरव्यू, लोकल कलाकारों द्वारा कविता, कहानियां, गीत-संगीत, लोकल विशेषज्ञों के ग्रुप डिस्कशन ऐसा बहुत कुछ हो सकता है। इसके लिए आपके पास सिर्फ एक लैपटॉप होना जरूरी है।
अपने भारत में रेडियो शब्द लोगों को जल्दी समझ में आता है। इसका मतलब होता है एक ऐसा यंत्र जिसमें आवाज सुनाई देती है। इंटरनेट की लैंग्वेज में इसे Podcast कहते हैं। वीडियो की तुलना में वॉइस एडिटिंग ज्यादा आसान होती है। थोड़ी अच्छी क्वालिटी का माइक और कुछ सॉफ्टवेयर जो शुरुआत में फ्री में मिल जाते हैं। कोई रिकॉर्डिंग रूम बनाने की जरूरत भी नहीं है। माइक इतने अच्छे और सस्ते आ गए हैं कि घर के किसी भी कमरे में दरवाजा बंद करके रिकॉर्डिंग कर सकते हैं।
अमेरिका में 55% लोग पॉडकास्ट सुनते हैं। यानी वीडियो का जमाना पुराना होने वाला है। पॉडकास्टिंग के लिए गूगल की सर्विस काफी पुरानी है। एंकर के नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन है जिसमें आप फ्री में पॉडकास्ट कर सकते हैं। कमाई कैसे होगी, यह बताने की जरूरत नहीं। इस इंडस्ट्री में विज्ञापन और पेड प्रमोशन से काफी कमाई होती है। स्पॉन्सर्ड इंटरव्यू पुराने जमाने से मोटी कमाई का जरिया रहे हैं।