भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मध्य प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 23 सितंबर तक उपरोक्त जिलों में मौसम खराब रहेगा और भारी बारिश का खतरा बना रहेगा। बादलों का बड़ा दल दिल्ली के आसमान पर है इसलिए ग्वालियर एवं आसपास बारिश होगी और अरब सागर से आने वाले बादलों के कारण बालाघाट एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी बारिश होगी।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान- 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार ग्वालियर, पन्ना, सतना, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छतरपुर, सिवनी, कटनी एवं भिण्ड जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। उपरोक्त जिलों के कुछ इलाकों में 115 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो सकती है। इसके कारण जनजीवन प्रभावित होगा और नदी नालों में बाढ़ आ जाएगी। मौसम विभाग में येलो अलर्ट जारी किया है। नागरिकों से अपील की गई है कि सावधान रहें और यदि मौसम खराब होता है तो अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
मध्य प्रदेश के 9 संभाग, 4 जिलों में वज्रपात का खतरा
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल, रीवा, शहडोल एवं सागर संभागों के सभी जले तथा धार, खंडवा, खरगौन एवं बुरहानपुर जिलों के आसमान पर भारी एवं घने बादल छाए हुए हैं। इसलिए उपरोक्त सभी जिलों में वज्रपात का खतरा है। नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि बादलों की गरजने की स्थिति में स्वयं की रक्षा करें एवं किसी भी प्रकार का खतरा ना लें।
मध्य प्रदेश मौसम समाचार कहां कितनी बरसात हुई
पिछले 24 घन्टों के दौरान प्रदेश के शहडोल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर रीवा संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर, नर्मदापुरम, जबलपुर इंदौर ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई तथा सागर, भोपाल एवं नर्मदापुरम संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई।
वर्षा के प्रमुख आंकडे (सेमी मे) :- चुरहट, धरमपुरी 6, सेंधवा, महेश्वर, चितरंगी 5, शहपुरा, रामपुर सिंगरौली 4 सेमी।
बादल की बिजली से बचने के लिए क्या करें
1 इलेक्ट्रानिक और बिजली के उपकरणों को उपयोग करने से बचे / अनप्लग कर दें।
2. दो पहिया वाहनों के उपयोग से बचे और पेड़ों के नीचे आश्रय ना ले।
3. बज्रपात के समय अगर आप पानी मे है तो तुरंत बाहर आ जाए।
4. भारी वर्षा के दौरान रेन कोट और छाते का उपयोग करें।
5. भारी वर्षा के दौरान निचले हिस्सों में जलभराव की संभावना
6. भारी वर्षा के दौरान दृश्यता में कमी।