जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि 100 से ज्यादा विधायक पुरानी पेंशन के समर्थन में हैं लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले पर विचार विमर्श करने को भी तैयार नहीं है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में कुल विधायकों की संख्या 230 है। अतः 100 से ज्यादा विधायकों का किसी विषय पर समर्थन एक महत्वपूर्ण विषय है।
कर्मचारी संघ ने बताया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में नवीन अंशदायी पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन बहाल की जा चुकी है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अध्यापक संवर्ग तथा नवीन अंशदायी पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आने वाले प्रदेश के लगभग 5 लाख से अधिक कर्मचारियों को नवीन अंशदायी पशन योजना में संबंधित लोक सेवक का अंशदान 10 प्रतिशत एवं शासन का अंशदान 14 प्रतिशत जमा किया जा रहा है।
प्रदेश में एक ही कार्य पर लगे लोक सेवकों को अलग-अलग पेंशन क्यों दी जा रही है समझ से परे है। जबकि प्रदेश में भी इस योजना के समर्थन में कांग्रेस के 96 विधायक लामबंद हो चुके है साथ ही भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने भी इस मांग को लेकर सरकार से गुहार लगाई है परन्तु प्रदेश के मुखिया के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है।
एक दिन के लिए चुने गये माननीय विधायकों/सांसदों को पुरानी पेंशन के तहत लाभ प्रदान किये जा रहे है जबकि 35 से 40 वर्ष शासकीय कार्य निष्ठा व ईमानदारी से करने वाले लोक सेवकों से यह दोहरा मापदण्ड क्यों ? पुरानी पेंशन योजना सामाजिक सरोकार से जुड़ी हुई थी सरकार का कर्तव्य है कि वह बुढापे में अपने अधिकारी-कर्मचारियों के हित की रक्षा करें जबकि नई पेंशन योजना में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे कर्मचारियों को बुढ़ापा सुरक्षित हो सके।
सरकार द्वारा OPS (पुरानी पेंशन योजना) चालू न किये जाने से कर्मचारियों में भारी आकोश व्याप्त है। जब एक राष्ट्र एक संविधान का सिद्धांत लागू है तो एक राष्ट्र में दो अलग-अलग पेंशन योजनायें क्यों ?
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत,अवधेश तिवारी,अटल उपाध्याय मुकेश सिंह आलोक अग्निहोत्री,मंसूर बेग,दुर्गेश पाण्डेय,सुनील राय,अजय सिंह ठाकुर, मनीष चौबे,श्याम नारायण तिवारी, प्रणव साहू, राकेश उपाध्याय, मनोज सेन, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो.तारिक, प्रियांशु शुक्ला, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डेय, मनीष शुक्ला, राकेश पाण्डेय, विनय नामदेव, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, बृजेश गोस्वामी, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिस्ती, पवन ताम्रकार, संजय श्रीवास्तव, आदित्य दीक्षित, संतोष कावेरिया, जय प्रकाश गुप्ता, आनंद रैकवार, वीरेन्द्र धुर्वे, मनोज पाठकर, सतीश पटेल, संतोष तिवारी आदि ने माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग की है कि नवीन अंशदायी पेंशन योजना को बंद कर सभी लोक सेवकों के लिए एक समान पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जावे।