आजाद अध्यापक शिक्षक संघ का विरोध प्रदर्शन एक बार फिर फेल हो गया। बिना परमिशन के राजधानी भोपाल में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान करके निकले आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के नेता शहर में प्रवेश नहीं कर पाए। कुछ शिक्षकों ने सुखी सेवनिया में मौजूद पुलिस पार्टी के सामने तिरंगा लहराते हुए सरेंडर किया, लेकिन भरत पटेल इनके साथ नजर नहीं आए।
दावा किया था- 75000 आ रहे हैं, पत्नियों ने तिलक लगाकर विदा किया है
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के नेताओं ने इस बार काफी बड़ा दावा किया था। कहा था कि मध्य प्रदेश के 75000 शिक्षकों ने हड़ताल में जाने के लिए छुट्टी का आवेदन दे दिया है। आज राजधानी के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर में खबर छपवाई कि पत्नियों ने शिक्षकों को तिलक लगाकर विदा किया है। इससे पहले कहा था कि मुख्य मार्गों को छोड़कर दूसरे मार्गों से भोपाल शहर में घुस आएंगे और फिर प्रदर्शन करेंगे। सारी बातें पानी के बुलबुले की तरह खाली थी और फूट गईं। सिर्फ इतना बताया गया कि भरत पटेल को नजरबंद कर लिया गया है। किसने किया और कहां रखा है कोई जानकारी नहीं दी गई। कुल मिलाकर संगठन के दूसरे नेता और कार्यकर्ता दूर की बात प्रदेश अध्यक्ष में भेष बदलकर भोपाल में घुस नहीं पाए।
धारा 144 का बहाना, जगदीश यादव के निलंबन का डर
दरअसल आजाद अध्यापक संघ के नेताओं में जगदीश यादव के निलंबन का डर नजर आया। पिछले दिनों जगदीश यादव बिना अनुमति के नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आ गए थे। डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया कि जगदीश यादव ने नवनियुक्त शिक्षकों को सरकार के खिलाफ सरकारी कार्यक्रम में नारेबाजी करने के लिए भड़काया। बिना अनुमति के आजाद अध्यापक संघ के प्रदर्शन के बाद भी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लिखा पढ़ी स्वाभाविक थी। नेताओं में इस बात का डर साफ दिखाई दिया।
नोट करने वाली बात है कि सारी दुनिया को शिक्षित करने वाले शिक्षकों को आजाद अध्यापक संघ के नेताओं ने 12 तारीख को बताया कि उनके प्रस्तावित आंदोलन से डरकर भोपाल में धारा 144 लगा दी गई है। जबकि विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा के आसपास वाले क्षेत्र में हमेशा धारा 144 लगाई जाती है। इसमें कोई नई बात नहीं थी।