जबलपुर। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने सातवें वेतनमान के समय अन्य भत्तों को जस का तस देने की घोषणा पर अमल ना किये जाने को गलत बताता है। जस का तस शब्द कर्मचारियों के लिए एक छलावे वाला बनकर रह गया है।
प्रदेश के लगभग 10लाख अधिकारीयों और कर्मचारियों को प्रदेश शासन ने धोखा दिया है। केन्द्रीय कर्मचारियों के समान सभी लाभ देने की घोषण प्रदेष शासन द्वारा की गई थी लेकिन अन्य लाभ के आदेष आज तक जारी नहीं किये गये है। सातवें वेतन मान के अनुसार केंन्द्रीय कर्मचारियों को आवास भत्ता शहरी, सीजीएचएस की तरह इलाज की सुविधा, वाहन एवं बच्चों के अध्ययन के लिए लाभ नही दिये जा रहे है। जस का तस लाभ ना मिलने से कर्मचारियों को प्रत्येक माह करीबन 15 से 20 हजार रूपये का भारी अन्तर है, जिससे उन्हें कम वेतन मिल रहा है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, संतोष मिश्रा, विष्वदीप पटैरिया, नरेश शुक्ला, प्रशांत सोधिया, संजय गुजराल,देव दोनेरिया, रविकांत दहायत, प्रदीप पटैल, योगेश चौधरी, मुकेश चतुवेर्दी, मुकेष मरकाम, योगेन्द्र मिश्रा, अजय दुबे, नरेन्द्र कुमार चौहान, नरेन्द्र सैन, जवाहर केवट, संदीप नेमा, गोविन्द विल्थरे, मंसूर वेग, रविबांगड, पी एल गौतम ने प्रदेष के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को सातवें वेतन मान के अनुसार समस्त लाभ देने की माँग की है।