1.नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री को गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है तो आप भी कोशिश करें कि इस दिन गाय के घी का ही उपयोग करें। आप चाहें तो गाय के ही घी में फलाहार में उपयोग में लाए जाने वाले मूंगफली, मखाने, अन्य ड्राइ फ्रूट्स, राजगीरा या सिंघाड़े के आटे को सेंक कर पहले से रख सकते हैं। जिससे कि लास्ट मिनट में आज क्या बनाये सोचने का टाइम ओर बनाने का टाइम भी बचेगा।उपवास में गाय के घी का उपयोग करने से आपको दो फायदे होंगे एक तो माँ शैलपुत्री प्रसन्न होंगी और दूसरा आपकी सेहत भी दुरुस्त रहेगी। क्योंकि गाय का घी सुपाच्य होने के साथ साथ और भी कई सारे औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन का फलाहार
2. नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का भोग लगाया जाता है। तो आप भी कोशिश करें कि इस दिन दूध, दही। से निर्मित फलाहार करें। इससे आप चाहे तो। उपवास में खाई जाने वाली। मखाने, साबूदाने, ड्राइफ्रूट्स किसी भी प्रकार की खीर बना सकते हैं और साथ ही। दही का उपयोग करते हुए फलहारी आटे के अप्पे, इडली,डोसा आदि बना सकते हैं।माँ ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का भोग लगाने से माँ भी प्रसन्न होंगी और आपके तन और मन को भी मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही फलाहार में दूध और दही का सेवन करने से आपके शरीर में चुस्ती और स्फूर्ति रहेगी।
नवरात्रि के तीसरे दिन का फलाहार
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाया जाता है। दूध कैल्शियम का बहुत ही अच्छा सोर्स होता है परंतु यदि आप केले के साथ इसका सेवन करेंगे तो यह आपकी आयरन और कैल्शियम दोनों की जरूरतों को एक साथ पूरी कर देगा और आपको दिन भर एनर्जी देता रहेगा। ऐसा करने से मां चंद्रघंटा तो प्रसन्न होंगी साथ ही आपको भी दिन भर काम करने के लिए पर्याप्त न्यूट्रीशन मिल जाएगा।
नवरात्रि के चौथे दिन का फलाहार
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को केले और गेहूं के आटे से बने मालपुए का भोग लगाया जाता है। तो आप भी कोशिश करें कि आप भी इस दिन केले और फलाहारी आटे से बने हुए मालपुए खाएं और इन्हें बनाने के लिए गाय के शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें।जिससे आपको काफी समय तक एनर्जी मिलती रहेगी।
नवरात्रि के पांचवे दिन का फलाहार
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता को केले से बने पकवानोंका भोग लगाया जाता है। तो इस दिन आप भी कोशिश करें कि केले से बने हुए फलाहार जैसे -केले कटलेट ,केले के चिप्स, केले के पकोड़े आदि का उपयोग फलाहार के रूप में करें आपकी 4 दिन उपवास करने की कमजोरी दूर हो जाएगी क्योंकि केले में आयरन और पोटेशियम बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है।
नवरात्रि के छठवें दिन का फलाहार
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाया जाता है और शहद के औषधीय गुण भला कौन नहीं जानता। शहद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है इसलिए आप ही कोशिश करें कि अपने फलाहार में बनाई गई मीठी चीजों में शक्कर की जगह आप इस दिन शहद का ही इस्तेमाल करें। जिससे मां कात्यायनी तो प्रसन्न होंगी साथ ही आपकी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी और आप आगे के व्रत/ उपवास भी आसानी से कर पाएंगे।
नवरात्रि के सातवें दिन का फलाहार
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ से बनी वस्तुओं का भोग लगाया जाता है और गुड़ तो हमारे खून में हमारे खून में मौजूद हीमोग्लोबिन बढ़ाने में काफी मददगार होता है। तो इस दिन आप भी अपने फलाहारी हलवे में शक्कर की जगह गुड़ का इस्तेमाल करके देखिए इससे आपको भरपूर एनर्जी मिलेगी।
नवरात्रि के आठवें दिन का फलाहार
नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी को नारियल या सफेद मिठाई का भोग लगाया जाता है। तो आप भी इस दिन नारियल से बने हुए मीठे और नमकीन पकवानों का आनंद ले सकते हैं। इससे आपके शरीर की फैट की जरूरत भी पूरी होगी और धीरे-धीरे आप हल्के फलाहार से थोड़े फैट वाले फलाहार की तरफ बढ़ते जाएंगे।
नवरात्रि के नौवें दिन का फलाहार
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है इन्हें हलवा, पूरी, चने और खीर का भोग लगाया जाता है।
परंपरा अनुसार कई लोग इस दिन अपने नवरात्रि के उपवास को पूर्ण कर मां सिद्धिदात्री को अर्पित किया भोग भोजन के रूप में ग्रहण कर लेते हैं।
जबकि कई लोग अष्टमी के दिन अपने व्रत को पूर्ण मान लेते हैं। आप अपनी परंपरा अनुसार जो भी मानना चाहे मान सकते हैं।
उपवास के दौरान आप एक बार फलाहार करें, चाहे दो बार फलाहार करें या एक बार फलाहार करें या एक बार भोजन ग्रहण करें परंतु आपको अपने डाइट चार्ट के हिसाब से ही चलना चाहिए। क्योंकि नवरात्रि में व्रत रखने के साथ-साथ आपको अपनी सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। तो अगले आर्टिकल में हम व्रत या उपवास के लिए डाइट चार्ट के बारे में चर्चा करेंगे।