कौआ को पितृपक्ष में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि मनुष्य के पूर्वज कौआ के रूप में पृथ्वी पर आकर अपने वंशजों की सेवा स्वीकार करते हैं। इसी मान्यता के कारण कई घरों में तो कौए को भोजन कराए बिना घर के सदस्य भोजन तक नहीं करते। यह तो हम जानते हैं कि हमारी संस्कृति में हर रीति रिवाज और परंपरा के पीछे कोई ठोस लॉजिक होता है। यह जानते हैं कौए को इतना महत्व क्यों दिया गया है:-
कौआ इंटेलिजेंट होता है, कोई चेहरा एक बार देख ले तो भूलता नहीं है
कौए के सिर यानी हेड से ही शुरू करते हैं। तो आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कौए के ब्रेन का साइज उसकी बॉडीसाइज़ के अनुपात में काफी बड़ा है। इसके ब्रेन में तंत्रिका कोशिकाएँ यानी न्यूरोन्स (Neurons) बहुत ही पास-पास स्थित होते हैं, इसलिए इनमें कम्यूनिकेशन काफी आसानी से और जल्दी होता है। इसी कारण कौए की इंटेलीजेंस सबसे अच्छी मानी जाती है। ब्रेन की इसी इंटेलीजेंस पावर की वजह से कौआ फेस रिकॉग्निशन बड़ी आसानी से कर लेता है और प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर पहचान जाता है।
कौए आपके बारे में बात भी करते हैं
प्यासे कौए या Thristy Crow की कहानी तो हम सबने सुनी ही है। इस कहानी में कौवा मामूली से कंकड़- पत्थर का उपयोग करके अपनी प्यास बुझा लेता है। यानी कि कौवे को टूल्स का उपयोग करना बहुत अच्छी तरीके से आता है और यदि दो कौए आपस में बातचीत कर रहे है और आपके सामने है तो आप समझ जाइए कि वे आपके बारे में ही बात कर रहे हैं। कौए से जुड़े हुए और भी इंट्रेस्टिंग और अमेजिंग जानकारीयों के लिए हमारे साथ बने रहिए।