अपन लगातार समाचारों में देखते-पढ़ते रहते हैं कि किस शहर में कितनी बारिश हुई लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मौसम विभाग के लोगों को कैसे पता चलता है कि अपने शहर में कितनी बारिश हुई।
इसके लिए मौसम विभाग कोई हाई लेवल टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं करता बल्कि एक बहुत ही सिंपल और पारंपरिक तरीके किया जाता है। मौसम विभाग के पास बाल्टी जैसा दिखने वाला एक यंत्र होता है, जिसे कीप कहा जाता है। मौसम विभाग के विशेषज्ञ इस कीप को शहर के किसी ऐसे स्थान पर रख देते हैं जहां पर खुला मैदान हो, पेड़ पौधे ना हो, कोई बड़ी इमारत ना हो। यानी जितनी भी बारिश हो वह पूरी की पूरी कीप के अंदर चली जाए।
इसी कीप पर इसके लगी होती है। बिल्कुल वैसी ही जैसी अपनी स्कूल की स्केल होती है। स्कूल वाली स्कूल में सेंटीमीटर लिखा होता है। मौसम विभाग वाली स्केल में मिली मीटर (MM) लिखा होता है। इसे शहर के ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां सामान्यता सबसे ज्यादा बारिश होती है। जैसे ही बारिश शुरु होती है किसको रख दिया जाता है और जब खत्म होती है तो उसमें जितना पानी भरा होता है वह डाटा रिकॉर्ड कर लिया जाता है।
आप चाहे तो बाजार से बिल्कुल वैसे ही कीप खरीद सकते हैं और फिर अपने दोस्तों को बता सकते हैं कि आज आपके घर पर कितने एमएम बारिश हुई।