मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक सांची शहर को सोलर सिटी बनाया जा रहा है। पर्यावरण की भाषा में इसे नेट जीरो सिटी कहा जाएगा। इसका मतलब है एक ऐसा शहर जहां से कार्बन उत्सर्जन 0% होता है। यहां सोलर पेड़, सोलर स्ट्रीट लाइट, घरों की सोलर छत जैसी बहुत सारी चीजें दिखाई देंगी। सबसे खास बात यह है कि सांची में रसोई गैस सिलेंडर भी नहीं होगा।
यहां के घर, दुकान, सड़क, बाजार, दफ्तर, खेत सब सूरज की बिजली से राेशन होंगे। 1.46 करोड़ रुपए खर्च कर दुकानदारों को सोलर लालटेन देंगे, स्टूडेंट्स को सोलर लैंप, घरों में सोलर कुकर, सोलर हीटर, एलईडी दिए जाएंगे। शहर में 20 लाख रुपए खर्च कर 4 सोलर पैनल के पेड़ भी लगाए जाएंगे।
मंगलवार को ऊर्जा विकास निगम द्वारा लेटर ऑफ अवॉर्ड कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें रिन्यूबल एनर्जी मिनिस्टर हरदीप सिंह डंग, निगम के अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया, पीएस संजय दुबे मौजूद थे। पीएस ने बताया कि यह काम 6 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए सीएसआर से भी फंड की व्यवस्था की जाएगी।
40 करोड़ से सोलर एनर्जी की सप्लाई होगी
शहर की पूरी आबादी और खेतों में सप्लाई के लिए 8 मेगावाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट लागू होगा। सार्वजनिक और निजी निवेश के जरिए इसकी फंडिंग की व्यवस्था की जाएगी।
एमपी टूरिज्म के गेट-वे रिट्रीट पर एक चार्जिंग स्टेशन और स्तूप के पास दूसरा चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा। एक चार्जिंग स्टेशन की लागत ₹15 लाख होगी। 2 घरों की छतों पर 1 से 3 किलोवाट क्षमता के 25 से 30 तक रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। ऐसे सिस्टम पर केंद्र सरकार की ओर से 40% और राज्य सरकार द्वारा 20% सब्सिडी दी जाएगी।