Billabong High International School, Bhopal की बस में 3.6 साल की मासूम लड़की के साथ बैड टच के मामले में पुलिस ने जब स्कूल बस का निरीक्षण किया तो पता चला कि बस में कैमरा तो लगा है परंतु सिर्फ दिखाने के लिए। वह रिकॉर्डिंग नहीं करता क्योंकि बस में डीवीआर ही नहीं थी।
इस घटना में स्कूल मैनेजमेंट केवल सीसीटीवी कैमरे के कारण ही जांच की जद में है। स्कूल प्रिंसिपल ने सीसीटीवी रिकॉर्डिंग दिखाने से इनकार करते हुए कहा था कि हम उसे डिलीट कर देते हैं। फिर जब मामला दर्ज हुआ तो बस को सर्विस के लिए भेज दिया गया। इन्वेस्टिगेशन कर रही पुलिस टीम का कहना है कि उन्हें बस में सीसीटीवी कैमरा तो मिला परंतु डीवीआर का बॉक्स खाली था। यानी कि बस में केवल लोगों को दिखाने के लिए कैमरा लगा था। वह काम नहीं कर रहा था।
कृपया यहां ध्यान दें की बिलबोंग स्कूल एक हाई प्रोफाइल स्कूल है और अच्छी पढ़ाई के अलावा बच्चों की सिक्योरिटी का दावा करता है। यहां तक कि स्कूल हवा में मौजूद कीटाणुओं से भी बच्चों की सुरक्षा करने का दावा करता है।
बिल्लबोंग स्कूल बस में बैड टच मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित
पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर का कहना है कि स्कूल प्रबंधन के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं। स्कूल में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है या नहीं इसे देखा जा रहा है। जांच में यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो उन्हें आरोपी बनाया जाएगा। आगे की जांच के लिए एसआईटी का गठित की गई है। इसमें एडिशनल डीसीपी जोन-01 श्रुतिकीर्ति सोमवंशी, एसीपी महिला सुरक्षा निधि सक्सेना, महिला थाना प्रभारी अंजना धुर्वे और जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर करिश्मा राजावत शामिल हैं।