दिल्ली/ भोपाल/ जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए फिर से दौड़ शुरू हो गई है। गहलोत दिल्ली जा रहे हैं और दिग्विजय सिंह दिल्ली में पूरा मामला जमा चुके हैं। दोनों के अलावा कोई तीसरा दमदार दावेदार नहीं है। मलिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल के नाम कोरम पूरा करने के लिए बताए जा रहे हैं।
मैं नामांकन दाखिल करने दिल्ली आ रहा हूं: दिग्विजय सिंह
नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा छोड़ दिग्विजय सिंह आज देर रात दिल्ली आ रहे हैं, दिग्विजय ने निजी बातचीत में कहा कि मेरा दिल्ली आने का कोई कार्यक्रम नहीं था, कांग्रेस अध्यक्ष पद के सिलसिले में ही मैं दिल्ली आ रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी गांधी परिवार से कोई बात नहीं हुई है, लेकिन ये मेरा अपना निर्णय है कि मैं अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता हूं, नामांकन दाखिल कर सकता हूं।
दिग्विजय सिंह के रास्ते में सिर्फ कमलनाथ रोड़ा
AICC के सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के बिल्कुल करीब है परंतु कमलनाथ उनके रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा है। कमलनाथ उनसे सीनियर हैं, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष हैं और मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं। ऐसी स्थिति में वह दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनने देंगे, क्योंकि इसमें कमलनाथ का दोनों तरफ से नुकसान है। दिग्विजय सिंह बड़े पद पर चले जाएंगे और मध्यप्रदेश में उनके लिए काम नहीं करेंगे। बिना दिग्विजय सिंह के मध्य प्रदेश का चुनाव जीत नहीं सकते।
दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए शतरंज की पूरी बिसात बिल्कुल अपने हिसाब से बिछाई थी परंतु दिग्विजय सिंह ने अचानक वाइल्ड कार्ड एंट्री मार कर सब कुछ गड़बड़ कर दिया, लेकिन अशोक गहलोत भी कच्चे खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने 48 घंटे के भीतर स्थिति को नियंत्रण में लिया और अब फिर से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। खबर आ रही है कि आज बुधवार को ही सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।
अपडेट न्यूज़:-
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए आयोजित चुनाव में नामांकन भरने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दिल्ली रवाना।
कांग्रेस के दो सीनियर नेता कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से अशोक गहलोत से बातचीत कर रहे है। कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से साफ़ संदेश है कि “शर्त” के साथ बातचीत सम्भव नही है। G-23 सहित 1980 बेच के तमाम नेता गहलोत साहब को बचाने के लिए सक्रिय हैं।