न्यायालय किसी निर्णय से पूर्व फरार होने वाले प्रतिवादी से या निर्णय से पूर्व संपत्ति बेचने वाले व्यक्ति, संपत्ति ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति से जमानत ले लेता है या ऐसा न करने के लिए कोई मनाही आदेश जारी कर सकता है। तब न्यायालय के व्यादेश (मनाही-हुक्म) के बाद भी जानबूझकर अवहेलना करेगा तब न्यायालय ऐसे प्रतिवादी पर क्या अनुपूरक कार्यवाही करेगा जानिए।
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 94(ग) की परिभाषा
निर्णय से पूर्ण न्यायालय के स्थायी व्यादेश(मनाही हुक्म) के बाद भी कोई प्रतिवादी न्यायालय के व्यादेश की अवहेलना करता है तब न्यायालय ऐसे प्रतिवादी को सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 के आदेश क्रमांक 39 नियम 2(ए) के अनुसार दोषी ठहराकर उसे सिविल जेल भेज सकता है या उसकी संपत्ति जो जब्त कर सकता है।
अतः कुल-मिलाकर कहे तो न्यायिक कार्यवाही के दौरान कोई पक्ष न्यायालय के निर्देश के विपरीत कोई कार्य जानबूझकर आदेश की अवहेलना कर रहा है तब न्यायालय उक्त कार्यवाही करेगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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