अन्तवर्ती आदेश क्या है, किस कोर्ट से कब जारी होते हैं जानिए- CPC 94-ङ

Bhopal Samachar
अन्तवर्ती आदेश वह आदेश होते हैं जो न्यायालय की लंबित कार्यवाही के दौरान जारी किए जाते हैं अर्थात न्यायालय किसी भी पक्षकार के विरुद्ध सिविल केस में विचारण, जाँच या लंबित मामलों में जारी कर देता है। इनका प्रभाव केस (वाद) खत्म होने के बाद स्वतः ही हो जाता है। जानते हैं न्यायालय अनुपूरक (अतिरिक्त) कार्यवाही के लिए कब इस शक्ति का प्रयोग कर सकता है।

सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 94 (ङ) की परिभाषा:-

सिविल वादों में अगर न्यायालय को लगता है कि किसी पक्षकार द्वारा न्यायालय के निर्णय में अन्य प्रकार से (अर्थात 94(क),ख, ग, घ को छोड़कर) रुकावट उत्पन्न होने वाली है तब न्यायालय को अधिकार है कि वह लंबित मामलों में अन्तवर्ती आदेश पारित कर सकता है।

लेकिन न्यायालय ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेगा जिससे किसी भी पक्षकारों के अधिकारों का खतरा हो। 

साधारण शब्दों में अगर कहे तो न्यायालय ऐसे आदेश को तब जारी करेगा जब कोई पक्षकार न्यायालय की डिक्री, निर्णय आदि आने से पूर्व दूसरे पक्षकार पर किसी भी प्रकार का दबाब बनाता है तब न्यायालय ऐसे आपराधिक कार्य को रोकने के लिए अन्तवर्ती आदेश जारी करेगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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