लेटर पेटेन्ट अपील क्या है और किस कोर्ट में कब की जा सकती है, जानिए- CPC 98-3

Bhopal Samachar
सिविल प्रक्रिया संहिता में मात्र दो प्रकार की अपीलों का प्रावधान है प्रथम अपील मूल डिक्री, निर्णय के विरुद्ध तथ्यों एवं विधि की भूल के लिए की जाती है एवं द्वितीय अपील सिर्फ विधि संबंधित भूलों के विरुद्ध की जा सकती है। अब सवाल यह है कि क्या कोई तृतीय अपील भी होगी या द्वितीय अपील के बाद का निर्णय सर्वमान्य होगा जानते हैं इसका जबाब आज के लेख में।

लेटर पेटेन्ट अपील क्या है:-

यदि द्वितीय अपील में दो या दो से अधिक न्यायाधीशों द्वारा अपील की सुनवाई के उपरांत निर्णय में मत भिन्नता है तो उस मत भिन्नता के बिंदु को तृतीय न्यायधीश या न्यायाधीशों को हम 'लेटर पेटेन्ट अपील' के रूप में जानते है।

इस प्रकार तृतीय अपील का चूंकि कोई प्राविधान नहीं है। इसलिए इस अपील को लेटर पेटेन्ट अपील कहते हैं। इसका उल्लेख सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 98(3) में किया गया हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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