आरोपी बंगाली भाषी है और न्यायालय की भाषा हिन्दी हो तब उसके बयान किस भाषा में रिकॉर्ड होंगे जानिए- CrPC 281

Bhopal Samachar
जब कोई आरोपी बंगाली भाषी है, और उसके खिलाफ हिंदी भाषी राज्य में कोर्ट की कार्रवाई चल रही है। इस प्रकार की भाषाओं की स्थिति बनती है तब न्यायालय उसके बयान किस भाषा में अभिलिखित करेगा जानिए।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 281 की परिभाषा

1. अगर कोई महानगर मजिस्ट्रेट किसी आरोपी की परीक्षा लेगा तो वह न्यायालय की भाषा में ही आरोपी के साक्ष्यों को लिखेगा किसी अन्य भाषा में नहीं।
2. लेकिन अगर कोई अन्य मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायालय द्वारा किसी आरोपी की परीक्षा ली जाती है तब वह साध्य होगा तो आरोपी की ही भाषा में साक्ष्य को लिखेगा अन्यथा न्यायालय की भाषा में ही साक्ष्य को लिखेगा।

3. आरोपी के दिये गए बयान को न्यायालय भाषान्तर कर उसकी ही भाषा में पढ़कर सुनाएगा अगर आरोपी को लगता है कि कोई बात बयान में छूट गई है तब वह तुरंत बयान में सुधार करवाने का अधिकार रखता है।

4. सुधार हो जाने के बाद आरोपी द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद पीठासीन अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट हस्ताक्षर द्वारा प्रमाणित करेगा एवं वह अभिलेख न्यायालय का साक्ष्य अभिलेख का भाग हो जाएगा।

नोट :-  यह प्रक्रिया उन संक्षिप्त विचारणो में लागू नहीं होगी जिसकी जानकारी हमने अपने लेख की CrPC की धारा 260 से 265 में बताई थी।

"उपर्युक्त परिभाषा से स्पष्ट होता है कि महानगर मजिस्ट्रेट आपने न्यायालय की भाषा में ही अन्य भाषा बोलने वाले आरोपी के बयान को अभिलिखित करेगा लेकिन अन्य मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायालय के पास उक्त सुविधा होगी तब वह आरोपी की भाषा में परीक्षा ले सकता है लेकिन महानगर मजिस्ट्रेट हो या अन्य मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायालय आरोपी को साक्ष्य अभिलेख उसकी ही भाषा में पढ़कर सुनाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!