भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्राइवेट कारों और टैक्सियों में पैसेंजर की सिक्योरिटी कंफर्म करने के लिए अनाउंसमेंट सिस्टम अनिवार्य किया जा रहा है। अब तक आगे वाली सीट बेल्ट के लिए बीप की आवाज आती थी परंतु अब आगे और पीछे दोनों सीटों पर बैठ के लिए कार में तब तक अनाउंसमेंट होता रहेगा जब तक की सभी यात्री सीट बेल्ट नहीं लगा लेते हैं।
पीछे वाले सीट बेल्ट के लिए केंद्र सरकार ने सुझाव मांगे
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मसौदा तैयार कर लिया है। सभी संबंधित हों से आपत्ती एवं सुझाव मांगे गए हैं। लास्ट डेट 5 अक्टूबर 2022 घोषित की गई है। सनद रहे कि मोटर वाहन अधिनियम 2002 में कार में पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान है। 2019 के अधिनियम में संशोधन कर जुर्माना राशि बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया था।
नए नियमों के तहत कार का इंजन स्टार्ट होते ही डैशबोर्ड पर सीट बेल्ट की लाइट जलेगी। इसके बाद ड्राइवर को सभी यात्रियों को सीट बेल्ट पहनने के लिए आग्रह करना होगा। इसके बाद भी यदि कोई यात्री पीछे वाली सीट पर बैठा है और उसने सीट बेल्ट नहीं पहना है तो लगातार बीप की आवाज आती रहेगी। प्रस्ताव मिला है कि बीप की आवाज के अलावा अनाउंसमेंट सिस्टम अनिवार्य किया जाना चाहिए।
यानी कार में लगातार उद्घोषणा होती रहेगी कि किस सीट पर बैठे हुए यात्री ने सीट बेल्ट नहीं पहना है। इसके अलावा यदि कार का ड्राइवर ओवर स्पीड में गाड़ी चलाता है तब भी कार के अंदर उद्घोषणा होगी और इस अनाउंसमेंट से यात्रियों को पता चलेगा कि ड्राइवर गड़बड़ कर रहा है।
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड-053 (एआईएस) के तहत कारों में रिवर्स पार्किंग अलर्ट सिस्टम अनिवार्य किया जाएगा। एआईएस में संशोधन होने के बाद नया नियम लागू हो जाएगा। कार निर्माता कंपनियों को निजी कारों-टैक्सियों में यह बदलाव करने होंगे। संशोधन में टैक्सियों में चाइल्ट लॉक लगाने संबंधी नियम को समाप्त करने का प्रावधान किया जा रहा है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय बजट कारों में पीछे की सीट पर एयरबैग अनिवार्य करना चाहती है परंतु वाहन निर्माता लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। वाहन निर्माताओं का कहना है कि ऐसा करने से कार महंगी हो जाएगी इससे कार की बिक्री पर असर पड़ेगा।