भोपाल। राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बुधवार को लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय के सामने सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन करते हुए शिक्षक भर्ती के द्वितीय चरण में हिंदी भाषा को प्रथम वरीयता दिलाने एवं अन्य उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में वृद्धि की मांग की।
पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण संघ से रंजीत गौर एवं आभा गुमास्ता सहित अन्य अभ्यार्थियों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चल रही माध्यमिक शिक्षक भर्ती में हिंदी बिषय को अंतिम स्थान पर रखकर मातृभाषा की उपेक्षा की जा रही है। जबकि हिंदी हमारी मातृभाषा, राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा है हिंदी प्रदेश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को हिंदी भाषा का ज्ञान होना जरूरी है,जिसके लिए प्रत्येक स्कूल में हिंदी भाषा का शिक्षक अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
इसी प्रकार से कृषि विषय के अभ्यर्थियों ने भी कहा कि मध्य प्रदेश हिंदी प्रदेश के साथ-साथ कृषि प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है शिक्षक भर्ती में कृषि विषय के भी बहुत कम मात्रा में पद दर्शाए गए हैं ! अतः हम शासन से मांग करते हैं कि हिंदी, विज्ञान,सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, उर्दू के साथ साथ कृषि, समाजशास्त्र,राजनीति शास्त्र व भूगोल विषय सहित अन्य उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में भी वृद्धि की जाए।
ज्ञात हो कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है जिनकी पूर्ति के लिए उच्च एवं माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पिछले 4 वर्षों से बड़े ही धीमी गति से चल रही है स्कूल शिक्षा विभाग से द्वितीय काउंसलिंग की मांग पात्र अभ्यार्थियों द्वारा लगातार की जा रही है।
10 वर्ष बाद हो रही शिक्षक भर्ती में मातृभाषा हिंदी के मात्र 100 पद रिक्त दर्शाए गए हैं जबकि अंग्रेजी भाषा की 3,358 पदों पर भर्ती की जा रही है। इसी प्रकार से विज्ञान के 50, सामाजिक विज्ञान के 60, उर्दू के 18, संस्कृत के 772 एवं गणित के 1,312 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है जबकि प्रत्येक विषय के हजारों पद रिक्त हैं जिन पर वर्तमान समय में अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं।
शिक्षक भर्ती के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा एवं जनजातीय विभाग से जो चयन सूची जारी हुई हैं उनमें अभ्यार्थियों के नामों की पुनरावृत्ति भी देखने को मिल रही हैं। इस प्रकार से शिक्षक भर्ती में कई विसंगतियां देखने को मिल रही हैं जिनमें सुधार कराने के लिए पात्र अभ्यर्थियों द्वारा पूर्व में भी कई बार शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री एवं संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन पत्र सौंपे जा चुके हैं।
अभ्यर्थियों ने बुधवार को पुन: लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त के नाम ज्ञापन-पत्र सौंपने के बाद कहा है कि अगर समय पर शिक्षक भर्ती के लिए द्वितीय काउंसलिंग शुरू नहीं होती है तब 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से राजधानी भोपाल में प्रदेश स्तरीय आंदोलन शुरू किया जाएगा।