मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 3 महिला डॉक्टर (डा.श्रीवास्तव, डा.ज्योत्सना सिंह, डा.मनप्रीत कौर), रुद्राक्ष हॉस्पिटल के संचालक डा.संजीव शर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पलता, नर्स प्रभा और मीना को पुलिस तलाश रही है। पुलिस का कहना है कि कोई भी अपने ठिकाने पर नहीं है। सभी अंडर ग्राउंड हो गए हैं।
मामला क्या है- डॉक्टरों की पीछे क्यों पड़ी है पुलिस
मुरार की रहने वाली प्राची शर्मा काे नवंबर 2021 में प्रसव होना था। 20 नवंबर को प्राची के स्वजन प्रसव पीड़ा होने पर उसे मुरार जच्चा खाने ले गए थे। शिकायत के अनुसार यहां डा. श्रीवास्तव मिली, उसने महिला के स्वजनों से कहा- यहां आइसीयू में सुविधा नहीं है, रुद्राक्ष हास्पिटल में वह खुद आपरेशन कर देगी। महिला को वहां भर्ती करा दिया, ड्रिप लगाने के बाद डा. घर जाकर सो गई। रातभर महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, इसके चलते नर्स ने पेट दबाकर नार्मल डिलीवरी की कोशिश की, जिससे गर्भाशय फट गया और गर्भ में ही शिशु की मौत हो गई।
शिशु की मौत होने के बाद महिला का इलाज किए बगैर ही उसे डा.श्रीवास्तव, डा.ज्योत्सना सिंह और डा.मनप्रीत कौर ने रैफर कर दिया। महिला की हालत इतनी बिगड़ गई कि वह करीब एक माह तक तो वेंटीलेटर पर ही रही थी। अपोलो स्पैक्ट्रा अस्पताल में महिला को भर्ती कराया, लंबा इलाज चला तब जाकर उसकी जान बच पाई। प्राची के स्वजनों ने सीएमएचओ से लेकर पुलिस अफसरों तक से शिकायत की। सीएमएचओ की जांच समिति की रिपोर्ट पर शुक्रवार को डा.श्रीवास्तव, डा.ज्योत्सना सिंह, डा.मनप्रीत कौर, अस्पताल संचालक डा.संजीव शर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पलता, नर्स प्रभा और मीना पर गैर इरादतन हत्या, धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंष सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की।
मुरार थाना प्रभारी शैलेंद्र भार्गव ने बताया कि तीनों आरोपित महिला डाक्टर और नर्स की तलाश में पहुंचे, लेकिन अस्पतालों से यह गायब मिलीं। सीएमएचओ को पत्र लिखकर इस जांच रिपोर्ट के मूल दस्तावेज मांगे हैं। आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।