ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में नैरोगेज लाइन के किनारे के छज्जे को न तोड़ने के एवज में रिश्वत लेने वाले रेलवे के अफसर को न्यायालय ने दोषी पाते हुए उसे 3 साल की सजा और 2000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अफसर को रंगे हाथों लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा था और इसके बाद मामले को न्यायालय में पेश किया था।
संभागीय लोकायुक्त कार्यालय की अभियोजन अधिकारी राखी सिंह ने बताया कि आवेदक मदन सिंह कुशवाह से उसके श्योपुर-सबलगढ़ नैरोगेज रेलवे लाईन के फाटक के पास स्थित उसके मकान का छज्जा को नहीं तोड़ने के एवज में किशोर महुलिकर सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय वरिष्ठ खण्ड अभियंता, रेल एवं पथ उत्तर मध्य रेल ग्वालियर के ने 25,000 की रिश्वत की मांग की। इस बात की शिकायत मदन कुशवाह ने लोकायुक्त से की।
शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त द्वारा एक वॉइस रिकॉर्डर मदन कुशवाह को ईश्यू किया। जिसमें में रिकॉर्डिंग होने के बाद लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की। 20 अक्टूबर को 2014 को लोकायुक्त की टीम ने आरोपित किशोर महुलिकर को 20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। विधिवत विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया।
विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ग्वालियर द्वारा किशोर महुलिकर सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्यालय वरिष्ठ खण्ड अभियंता, रेल एवं पथ उत्तर मध्य रेल ग्वालियर को दोष सिद्ध पाते हुए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 के अर्थदंड से दंडित किया। मामले में पैरवी संभागीय लोकायुक्त की अभियोजन अधिकारी राखी सिंह ने की।