मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी के मामले में कमिश्नर किशोर कन्याल ने डिप्टी कमिश्नर जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डॉ प्रदीप श्रीवास्तव और इंचार्ज ऑफिस सुपरीटेंडेंट प्रभाकर द्विवेदी को उनके पद से हटा दिया है
उल्लेख अनिवार्य है कि यह कार्रवाई सीएम शिवराज सिंह चौहान की विजिट से ठीक पहले की गई है। आलोचकों का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया था कि यदि सीएम के सामने सवाल उठे तो बताया जा सके कि कार्रवाई की जा रही है। 31 बेरोजगार युवाओं से डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेकर नियम विरुद्ध आउट सोर्स भर्ती करने के मामले में मयंक श्रीवास्तव का ट्रांसफर किया गया है। इनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, लेकिन ना तो इन्हें सस्पेंड किया गया है और ना ही उस वीडियो की डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शुरू हुई है। धर्मेंद्र भदोरिया को भी ट्रांसफर कर दिया गया है।
खुलासे के 20 दिन बाद भी कोई कार्यवाही नहीं
गुडगांव से रिश्वत लेकर उन्हें अवैध नियुक्ति देने और सरकारी सैलरी पर निजी लोगों की सेवा में कर्मचारियों को तैनात करने के मामले में गड़बड़ी का खुलासा होने के 20 दिन बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। कुछ कर्मचारियों को इधर-उधर किया गया है। जिसे कार्रवाई नहीं व्यवस्था कहा जाता है। समाचार लिखे जाने तक किसी भी संदिग्ध अथवा आरोपित अधिकारी और कर्मचारी को आरोप पत्र नहीं दिया गया। सिर्फ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सस्पेंड किया गया है।
किशोर कन्याल, आयुक्त नगर निगम का बयान
प्रारंभिक स्तर की जांच का काम काफी हद तक हो चुका है। इसमें जो लोग संदेह के दायरे में आ रहे थे, उन्हें विभाग से हटा दिया गया है। अभी जांच पूरी होने के बाद जो दोषी सामने आएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।