मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में आम रास्ते पर खड़े होकर शराब पीने से रोकने पर आइपीएस ऋषिकेष मीणा को उनके गनर सहित हॉस्टल में बंधक बनाने, उनका वायरलेस सेट और मोबाइल फोन लूटने के मामले में हड़ताल की प्लानिंग कर रहे डॉक्टरों को समझ में आ गया है कि इस मामले में प्रेशर की पॉलिटिक्स नहीं चल पाएगी। इसलिए आपस में लिखा पढ़ी करके पुलिस अधिकारियों को गुस्सा शांत होने का इंतजार किया जा रहा है।
GRMC Gwalior, Gajra Raja Medical College Gwalior के डीन डॉक्टर अक्षय निगम ने जूनियर डॉक्टरों के संगठन के अध्यक्ष हिमांशु गौर को पत्र लिखकर पूछा है कि इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं और इन्हें कैसे रोका जा सकता है। डीन ने सुझाव दिया है कि मेडिकल के छात्रों की एक मीटिंग बुलाए और उसमें उनसे पूछा जाए कि वह लोग इस तरह की घटनाओं में क्यों शामिल होते हैं। कुल मिलाकर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन अपने ही स्टूडेंट्स के साथ लिखा पढ़ी करके समय बिताने की कोशिश कर रहे हैं।
डा.योगेंद्र पहारिया, डा.डीएस शाक्य, डा.प्रशांत श्रीवास्तव एवं डा.वृंदा जोशी की एक कमेटी बनाई गई है जो मामले की जांच करेगी। खबर मिली है कि स्टूडेंट्स ने कॉलेज के डीन से मुलाकात करके अपनी गलती मान ली है परंतु कॉलेज के डीन का कहना है कि जब कमेटी की रिपोर्ट आएगी तब कार्रवाई करेंगे। कितनी आश्चर्यजनक बात है, यदि कोई पुलिस वाला मेडिकल छात्रों को पीट देता तो उसकी गिरफ्तारी के लिए तत्काल हड़ताल होती लेकिन मेडिकल छात्रों ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी को लूटा परंतु तत्काल कुछ नहीं हो रहा।