इंदौर। मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले में इंदौर लोकायुक्त टीम ने श्रम निरीक्षक को निजी स्कूल संचालक से 80 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा हैं। लोकायुक्त पुलिस ने श्रम विभाग के कार्यालय में ही दबिश देते हुए श्रम निरीक्षक सपन गोरे को पकड़ा।
इंदौर लोकायुक्त के DSP ने बताया कि श्रम निरीक्षक सपन गोरे द्वारा एक निजी स्कूल संचालक से डेढ लाख रुपये की मांग की गई थी। इस प्रकरण को लेकर स्कूल के संचालक आदित्य पिता हरीश जैन लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोपी श्रम निरीक्षक द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत, उक्त स्कूल का 10 अगस्त को निरीक्षण करने के उपरान्त, स्कूल द्वारा नियोजित श्रमिकों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दर से कम भुगतान पाते हुए, अधिनियम के उल्लंघन की निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की गई थी।
वेतन के अंतर की राशि का भुगतान के संबंध में क्षतिपूर्ति नहीं वसूले जाने के एवज में आरोपी द्वारा डेढ लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। जिसके एवज में 80 हजार रुपए में बात तय हुई। आवेदक द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत, कार्यालय पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर को की गयी थी। जो सही पाई गई। मंगलवार को लोकायुक्त की टीम द्वारा श्रम कार्यालय स्थित आरोपी के कक्ष से आरोपी को रिश्वत राशि लेते हुए ट्रेप किया गया। आरोपी श्रम निरीक्षक गोरे के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधित अधिनियम के अंतर्गत अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
डीएसपी भदौरिया ने बताया कि आरोपी श्रम निरीक्षक को शिकायतकर्ता द्वारा 2-2 हजार के 40 नोट दिए गए थे। दो हजार के गुलाबी नोट लेने के बाद टीम द्वारा कार्रवाई करने पर श्रम निरीक्षक के हाथ रंगीन हो गए। लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है।