मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित हाईकोर्ट में नरसिंहपुर के कलेक्टर रोहित सिंह IAS दिन भर खड़े रहे परंतु उनके बयान दर्ज नहीं हो पाए। हाई कोर्ट ने अगली तारीख 23 सितंबर निर्धारित की। कलेक्टर की ओर से निवेदन किया गया कि त्यौहारों के कारण कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाने के लिए उनका मुख्यालय पर होना जरूरी है। हाईकोर्ट ने उनका निवेदन नामंजूर कर दिया।
वकील अनुपस्थित, याचिकाकर्ता ने स्वयं अपना पक्ष रखा
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में नरसिंहपुर जिले से संबंधित एक चुनाव याचिका पर सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट में शुक्रवार को शाम चार बजे जैसे ही चुनाव याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, चुनाव याचिकाकर्ता कांग्रेस से बगावत करने वाले प्रत्याशी जितेन्द्र अवस्थी खड़े हुए। उन्होंने अपने अधिवक्ता के अभाव में स्वयं पक्ष रखने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने अनुमति दे दी।
एडीशनल कलेक्टर नम: शिवाय अरजरिया का आधा बयान दर्ज
इसके साथ ही सर्वप्रथम जबलपुर कलेक्ट्रेट के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी वर्तमान एडीशनल कलेक्टर नम: शिवाय अरजरिया का बयान लिया गया। उन्होंने अवगत कराया कि लोक सूचना अधिकार के तहत दस्तावेज प्रदान किए गए हैं। इन दस्तावेजों का अनुक्रम प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय अपेक्षित है। कोर्ट ने यह मांग मंजूर करते हुए आधी गवाही को रिकार्ड पर लिया। साथ ही गवाही पूरी करने के लिए आगामी सुनवाई के दौरान फिर से हाजिर रहने के निर्देश दिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अब गवाही के साथ प्रतिपरीक्षण भी होना है।
अधिकारियों से नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि को निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में हुए समस्त घटनाक्रम के बारे में पूछा जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले में इन्ही दो अधिकारियों की गवाही अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कलेक्टर के निवेदन को हाईकोर्ट ने नामंजूर किया
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने कहा कि जबलपुर के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी व वर्तमान नरसिंहपुर कलेक्टर रोहित सिंह के ऊपर नवरात्र व दशहरा के दौरान जिले की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की महती जिम्मेदारी होगी। इसलिए सुनवाई आगे बढ़ाई जाए। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ कर दिया कि चुनाव याचिका की अगली सुनवाई निर्धारित करने का अधिकार कोर्ट को है, वह इस संबंध में अपने निर्णय को नहीं बदलेगी।