मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी में इलाज के अभाव में 5 साल के बच्चे की मौत के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। कलेक्टर, डॉक्टर और सीएमएचओ तीनों के बयान अलग-अलग हैं। यानी कि इनमें से कोई दो झूठ बोल रहे हैं। ताजा सवाल यह है कि कोई दो झूठ क्यों बोल रहे हैं।
सबसे पहले पढ़िए कलेक्टर, डॉक्टर और सीएमएचओ के बयान
- कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने कहा, जब बच्चे को अस्पताल लाया गया तब डॉक्टर लोकेश ड्यूटी पर तैनात थे। बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी थी।
- डॉ. लोकेश श्रीवास्तव ने कहा, पत्नी का व्रत था, इसलिए थोड़ा लेट हो गया। बता दें, अस्पताल से इनके आवास की दूरी करीब 20 मिनट की है।
- CMHO डॉ. संजय मिश्रा के दफ्तर से बताया गया कि ओपीडी में डॉक्टर लोकेश की ड्यूटी थी। वे दोपहर 12 बजे अस्पताल पहुंचे थे।
अब बच्चे के परिजन का बयान
बच्चे के मामा पवन कुमार ने कहा, हम सुबह 10:00 बजे अस्पताल पहुंच गए थे। अस्पताल में नर्स मिली थी। डॉक्टर नहीं थे। हम 12 बजे तक अस्पताल में इलाज के लिए भटकते रहे। यहां उल्लेख करना निवा रहेगी इमरजेंसी की स्थिति में डॉक्टर को कॉल करने का प्रावधान है। डॉक्टर का घर, अस्पताल से मात्र 20 मिनट की दूरी पर है। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है। बच्चे को अस्पताल के अंदर तक नहीं लिया गया। बच्चे की मां उसे गोद में लिए परिसर में जमीन पर बैठी रही। मां की गोद में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।