कहते हैं कि जहां विश्वास होता है वहीं विश्वासघात भी होता है। यदि कोई विवाहित पुरुष अपने शादीशुदा होने की बात को छुपा कर किसी महिला से दूसरा विवाह कर लेता है और कुछ समय बाद उसका त्याग कर देता है अथवा ऐसी परिस्थितियां निर्मित हो जाती है कि दोनों साथ नहीं रह सकते तब ठगी का शिकार हुई महिला क्या कानूनी कदम उठा सकती है। क्या उसके साथ धोखे से मनाई गई सुहागरात, बलात्कार की श्रेणी में आती है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 375 (4) की परिभाषा:-
यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री को विश्वास दिलाता है कि वह उसका पति हैं और इस पर विश्वास करते हुए वह महिला उस व्यक्ति को अपना पति समझकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दे देती हैं तो यहाँ स्त्री की सहमति कपट, धोखे द्वारा प्राप्त जाने के कारण व्यक्तिगत बलात्कार के अपराध का दोषी होगा।
साधारण शब्दों में बात करें तो पहली शादी को बिना बताए व्यक्ति अन्य स्त्री को विश्वास दिलाकर विवाह कर लेता है और उसे विश्वास दिलाकर शारीरिक संबंध बना लेता है यहाँ स्त्री से कपट द्वारा पुरूष ने सहमति ली। या कोई पुरूष अवैध (दिखावे की) शादी कर लेता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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