लिव इन रिलेशन, एक ऐसी नई परंपरा जिसमें लड़का और लड़की शादी से पहले एक दूसरे के साथ पति पत्नी की तरह रहकर यह जानने की कोशिश करते हैं कि वह एक दूसरे के साथ पूरी जिंदगी बिता सकते हैं या नहीं। यदि हां तो शादी कर लेते हैं यदि नहीं तो अगला लिव इन रिलेशन। कई बार तीसरी स्थिति बनती है। लड़का शादी का वादा करके फिजिकल रिलेशन बना लेता है और फिर धोखा दे देता है।
कई लड़कियों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होती लेकिन भोपाल समाचार डॉट कॉम की नियमित पाठक महिलाओं एवं लड़कियों को पता है कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियां भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 498-क के अंतर्गत अपने बॉयफ्रेंड की क्रूरता के खिलाफ मामला दर्ज करवा सकती है और दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 125 के अंतर्गत भरण पोषण का दावा भी कर सकती है। इस जानकारी को और पुख्ता करने के लिए पढ़िए कुछ महत्वपूर्ण जजमेंट:-
1. डी. बेलुसामी बनाम डी पतचाइअम्म्ल (2010):-
उक्त मामले में न्यायालय अभिनिर्धारित किया गया कि एक महिला जो विवाह जैसे रिश्ते में हैं लेकिन कानूनी रूप से विवाहित नहीं है वह भरण पोषण का दावा कर सकती है।
आगे न्यायालय ने कहा कि सभी लिव इन रिलेशनशिप विवाह के संबंधों की प्रकृति के अनुरूप नहीं होंगे,विवाह की प्रकृति सम्बधों को पूरा करने के लिए निम्न शर्ते होना चाहिए:-
• वह निश्चित समय के लिए साथ रहे हो।
• उनकी शादी की उम्र पूरी हो गई हो।
• दोनो पति-पत्नी के रूप में समाज में रहे हो या सहमति द्वारा शारिरिक संबंध स्थापित भी किये हो।
• उन्होंने विधिक विवाह की शर्तों को पूरा कर लिया हो।
2. चनमुनिया बनाम विरेंद्र कुमार कुशवाह और अन्य:-
मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक विचारण प्रश्न था कि क्या एक पुरूष ओर महिला काफी समय से एक साथ रह रहे हैं जबकि उनका विवाह नहीं हुआ है तब क्या ऐसी महिला भरण पोषण का दावा कर सकती हैं?
न्यायालय ने यह मत दिया कि पुरूष और महिला के साथ-साथ रहने की स्थिति में सन् 2005 के अधिनियम पारिवारिक हिंसा के अंतर्गत उन्हें मौद्रिक अनुतोष और प्रतिकर दिया जा सकता है और वह दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 125 के अंतर्गत की कार्यवाही में भी भरण पोषण ले सकती है और यह उनका सांविधिक अधिकार है।
कुल मिलाकर यदि लिव इन रिलेशन में रहने वाली लड़की से उसका लिव इन पार्टनर लड़का शादी का वादा करता है, कुछ अन्य लोगों के सामने लड़की को अपनी पत्नी बताता है, फिजिकल रिलेशन बनाता है अथवा एक न्यूनतम अवधि से अधिक समय तक दोनों साथ रहते हैं और समाज के लोग उन्हें पति-पत्नी मानते हैं तब लड़की अपने बॉयफ्रेंड के खिलाफ भरण पोषण के लिए दावा कर सकती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com