भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों की 9वीं और 11वीं कक्षा की परीक्षा सिस्टम में बड़ा बदलाव कर रहा है। 9वीं और 11वीं की तिमाही और छमाही परीक्षा के पेपर भी प्रदेश भर में एक समान होंगे। इसके अलावा छमाही परीक्षा के लिए हर स्कूल से 10, 10 प्रश्न बनवाए जाएंगे। इनका एक कंपाइल क्वेश्चन बैंक बनाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
विभाग ने एक आदेश जारी किया है। इसमें विद्यार्थियों से तिमाही और छमाही परीक्षा के लिए दो बार ₹100 फीस लेने का जिक्र किया गया है। इस आदेश में तिमाही, छमाही परीक्षा के पेपर छपवाने की तैयारी और उसके खर्चे का ब्यौरा भी शामिल किया गया है। पेपर सेट करने का काम सीपीआई लेवल पर किया जाएगा और उसकी प्रिंटिंग का काम ओपन स्कूल बोर्ड संभालेगा।
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। नौवीं एवं 11वीं की तिमाही और छमाही परीक्षा के पेपर एक समान रहने से एकेडमिक सुधार भी होगा। तिमाही परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर कमजोर स्टूडेंट्स की रेमेडियल क्लासेस भी लगाई जाएंगी। अभी तक प्रदेशभर में 9वीं एवं 11वीं क्लास की सालाना परीक्षा के पेपर ही एक समान लिए जाते हैं। एक छात्र से 100 रुपए फीस ली जाएगी।