मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने छतरपुर सिटी कोतवाली के टीआई अनूप यादव, एसआई गुरुदत्त शेषा और मोहनी शर्मा को निलंबित कर दिया है। इन सभी पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने रेप पीड़ित अवयस्क लड़की के साथ मारपीट की, उसे लॉकअप में बंद किया और बयान बदलने के लिए दबाव डाला।
पीड़ित लड़की की मां ने आरोप लगाया है कि उनकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया। आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने के लिए वह अपनी बेटी को लेकर छतरपुर सिटी कोतवाली गई थी। पुलिस वालों ने 18 साल से कम उम्र की लड़की को थाने में बिठा लिया और उसकी मां को भगा दिया। कुछ देर बाद महिला को थाने में बुलाया। उसने देखा उसकी बेटी बेहोश पड़ी हुई थी। उसे सारी रात लॉकअप में बंद रखा, फिर दूसरे दिन सुबह छोड़ दिया।
नाबालिग लड़की ने अपनी मां को बताया कि थाने में उसके साथ मारपीट की गई। उसे बयान बदलने के लिए कहा जा रहा था। जब उसने मना किया तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने बेल्ट और लातों से इतना पीटा कि वह बेहोश हो गई। पीड़ित लड़की की मां ने बताया कि 31 अगस्त हो हम फिर से थाने पहुंचे लेकिन हमें फिर से भगा दिया गया। दिनांक 1 सितंबर 2022 को जब तीसरी बार छतरपुर सिटी कोतवाली पहुंचे तब कहीं जाकर मामला दर्ज किया गया।
महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया परंतु अपहरण का मामला दर्ज नहीं किया है। महिला की शिकायत प्रकाश में आने के बाद सचिन शर्मा एसपी छतरपुर ने सिटी कोतवाली के टीआई अनूप यादव, एसआई गुरुदत्त शेषा और मोहनी शर्मा को सस्पेंड कर दिया है।