मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग में सभी सरकारी, प्राइवेट और अनुदान प्राप्त कॉलेजों के लिए एक आदेश जारी किया है। हर कॉलेज में बड़े से बोर्ड पर सभी शिक्षकों का टाइम टेबल प्रदर्शित किया जाएगा। किस क्लास में किसका लेक्चर कितने बजे होगा, स्पष्ट लिखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि छात्र नियमित रूप से शिकायत कर रहे हैं कि उनके कॉलेज में क्लास ही नहीं लगती।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कराई गई एक जांच में पाया गया कि 30% फैकल्टी पढ़ाने के लिए क्लास में नहीं आते। जबकि उनकी नियुक्ति पढ़ाने के लिए हुई है और वेतन भी पढ़ाने का ही मिलता है। इससे पहले फैकल्टी की मॉनिटरिंग के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया गया था। इसके बाद भी परिस्थिति में कोई सुधार नहीं आया। इसलिए नया आदेश जारी किया गया है।
सीनियर प्रोफेसर नरेंद्र कुमार का कहना है कि इस आदेश का असर दिखाई देगा। विद्यार्थियों को पता होगा कि कल कौन क्लास में आने वाला है। किसका लेक्चर होने वाला है तो वह अपनी तैयारी करके आएंगे। यदि कोई प्रोफेसर निर्धारित समय पर पढ़ाने के लिए नहीं पहुंचा दो स्टूडेंट्स आवाज उठा पाएंगे। अभी तो उन्हें पता ही नहीं होता उनको पढ़ाने की जिम्मेदारी किस प्रोफ़ेसर के पास है।