मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्री अरविंद तिवारी आईपीएस को झाबुआ एसपी के पद से तत्काल हटा दिया। उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को अपने आदेश पर तत्काल अमल करने के लिए कहा और गृह विभाग मंत्रालय से आदेश जारी हो गए।
बताया गया है कि झाबुआ में रविवार की रात पॉलिटेक्निक कॉलेज के हॉस्टल में कुछ स्टूडेंट्स के बीच में लड़ाई हो गई थी। स्टूडेंट्स इसकी शिकायत करने पुलिस थाने गए थे लेकिन थाने से उन्हें भगा दिया गया। जब स्टूडेंट्स पुलिस थाने की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने झाबुआ के पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद तिवारी को फोन कर प्रोटेक्शन की मांग की। स्टूडेंट्स का आरोप है कि झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी ने उनके साथ बेहद अभद्रता के साथ बात की।
इस संदर्भ में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया, उन्होंने सुबह की समीक्षा बैठक में मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव एवं मध्य प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को निर्देशित किया कि वह तत्काल प्रभाव से झाबुआ एसपी को हटाए। मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन करते हुए गृह विभाग मंत्रालय से श्री अरविंद तिवारी को झाबुआ एसपी के पद से हटाने के आदेश जारी हो गए। उन्हें भोपाल बुला लिया गया है।
स्टूडेंट्स के लिए काम कर रहे थे स्टूडेंट्स के कारण हटा दिए गए
यहां उल्लेख प्रासंगिक है कि श्री अरविंद तिवारी झाबुआ में स्टूडेंट से संबंधित कई अभियानों का संचालन कर रहे थे। झाबुआ पुलिस पिछले कुछ समय से विद्यार्थियों में कानून के प्रति जागरूकता के लिए सेमिनार और रैली इत्यादि का आयोजन कर रही थी। हाल ही में 7 सितंबर को साइबर अवेयरनेस एवं यातायात जागरूकता के लिए स्टूडेंट्स का सेमिनार आयोजित किया गया था जिसमें बताया गया था कि साइबर क्राइम से बचने के लिए किस प्रकार सतर्क रहना आवश्यक है।