मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 नजदीक आ रहे हैं और इसी के साथ देश भर की तमाम पार्टियों के नेता मध्यप्रदेश की चिंता करने लगे हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, हैदराबाद का कहना है कि मध्य प्रदेश की जेलों में कैदियों को जाति के अनुपात में बंद रखा जाना चाहिए।
आबादी कम है तो गिरफ्तारी भी कम होनी चाहिए: ओवैसी
न्यूज़ एजेंसी ANI की ओर से उनका एक बयान जारी हुआ है। इसमें बताया गया है कि, मध्य प्रदेश में 7% मुस्लिम आबादी है और प्रदेश की जेलों में अंडर ट्रायल मुसलमान 14% है। ये साफ दिखता है कि भाजपा की हुकूमत वहां पर मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है।
यह कैसा तर्क है, अब क्या FIR में भी आरक्षण चाहिए
एडवोकेट अजय गौतम का कहना है कि, सभी जानते हैं कि FIR अपराध के आधार पर दर्ज की जाती हैं। जाति और संप्रदाय के आधार पर नहीं। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक जाति विशेष का समुदाय है। कहा जाता है कि इस समुदाय में 18 वर्ष से अधिक आयु का ऐसा कोई बालक नहीं है जिसके खिलाफ FIR दर्ज ना हुई हो।
इस हिसाब से तो उनके साथ घोर अन्याय हो रहा है क्योंकि प्रदेश की आबादी के अनुपात में उनकी आबादी 1% भी नहीं है और उनके 100% लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गए हैं। नेताओं को मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। वोट के लिए जनता को बरगलाना अच्छी बात नहीं है।