ग्वालियर चंबल के बाद उमा भारती के प्रभाव वाले इलाकों में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रीतम लोधी के बचाव में उमा भारती ने बयान जारी किया है। वह इस बात से सहमत है कि प्रीतम लोधी ने गलती की परंतु जातिवाद का समर्थन भी किया। बागेश्वर वालों के बयान से सहमत नहीं हैं।
प्रीतम ने मेरे कहने पर माफी मांगी: उमा भारती
प्रीतम लोधी को लेकर उमा ने कहा कि प्रीतम मेरी बहन के रिश्तेदार हैं। बहन की पोती उनके लड़के को ब्याही है। प्रीतम मेरे सहयोगी हैं। प्रीतम के पिता जनसंघ में थे। वो मेरी वजह से नहीं आया। मेरे लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने खजुराहो सीट पर उनकी ड्यूटी लगाई थी। वह मेरे बहुत बड़े सहयोगी रहे हैं। मेरे लिए जान देने को तैयार रहे, लेकिन उनकी गलती थी कि उन्होंने असंगत भाषा का उपयोग किया। मुझे एक मिनट नहीं लगा। मैंने उनसे कहा कि तत्काल माफी मांगो। (सनद रहे कि प्रीतम लोधी ने कथावाचक ब्राह्मणों को लालची और चरित्रहीन बताया था।)
बागेश्वर वालों को विवाद में नहीं पड़ना चाहिए था: उमा भारती
बागेश्वर धाम के महाराज (पंडित धीरेंद्र शास्त्री) नए राइस है। उन्होंने बुंदेलखंड का नाम विदेशों में जाकर खूब बढ़ाया है। उन्हें इस विवाद में नहीं पड़ना था। वे बड़े संत हैं, लेकिन अब प्रीतम के लेवल के हो गए। मुझे ही बोल देते कि दीदी, प्रीतम को डांटो। उमा ने यह भी कहा कि मैं बागेश्वर धाम को बहुत मानती हूं। मैंने महाराज की भाषा सुनी। वे ठेठ बुंदेलखंडी है। प्रीतम ने बहुत बड़ी गलती की है।
उमा भारती क्या कहना चाहतीं हैं, चलिए अनुमान लगाएं
उमा भारती के इस बयान से कुछ बातें स्पष्ट होती है। वह आज भी प्रीतम लोधी को अपना संरक्षण प्रदान कर रही हैं। उनका मानना है कि प्रीतम लोधी ने गलती की परंतु उन्हें जो दंड (भाजपा से निष्कासन) दिया गया वह उनकी गलती की तुलना में बहुत ज्यादा है। पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ परंतु कुछ संकेत ऐसा भी मिला कि उमा भारती चुनौती दे रही है। यदि क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन नहीं बनाया गया तो प्रीतम लोधी के जरिए नुकसान होगा।
उमा भारती, प्रीतम को पार्टी में लाएंगी या प्रीतम के साथ जाएंगी
इस बयान के बाद एक नया सवाल खड़ा हो गया है। भाजपा से निष्कासित प्रीतम लोधी ने भगवा उतारकर नीला वस्त्र धारण कर लिया है। सवाल यह है कि उमा भारती किसी विशेष रणनीति का उपयोग करके प्रीतम लोधी को वापस पार्टी में लाएंगी या फिर प्रीतम लोधी के साथ उनकी परियोजना में शामिल हो जाएंगी। दूसरी संभावना पर इसलिए भी विचार किया जा सकता है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में उमा भारती के लिए फिलहाल कुछ भी नहीं है और वह एक बार फिर सक्रिय राजनीति में भागीदारी करना चाहती हैं।