दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो मध्यप्रदेश में कहां क्या असर पड़ेगा, पढ़िए- MP NEWS

भोपाल।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए आज नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं। उनके भाई लक्ष्मण सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने इस खबर की पुष्टि कर दी है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि यदि दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो मध्यप्रदेश में क्या असर पड़ेगा:- 

दिग्विजय सिंह कांग्रेस के संविधान के जानकार हैं और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता को एक्टिव करना जानते हैं। उन्हें मालूम है कि इस समय कांग्रेस पार्टी को छोटे छोटे कार्यकर्ता की जरूरत है। राज्यों में पार्टी की सरकार बनाना जरूरी है। यदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी के संविधान के अनुसार काम और चुनाव लड़ने का अवसर प्राप्त करने का मौका मिल गया तो पार्टी काफी मजबूत हो जाएगी। पिछली बार दिग्विजय सिंह की मेहनत के कारण कांग्रेस को काफी लाभ हुआ था। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में दिग्विजय सिंह की रणनीति शिवराज सिंह चौहान के लिए काफी हानिकारक हो सकती है। 

कमलनाथ राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस और बड़े मुद्दों पर छोटा ट्वीट करने वाले नेता हैं। सड़कों पर उतरना, धरना प्रदर्शन करना, जनता के लिए संघर्ष करना उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन वह चाहते हैं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे, पुलिस की लाठियां खाएं और उन्हें मुख्यमंत्री बनवाएं। इस पॉलिसी के कारण मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी सुप्त अवस्था में आ गई है। केवल कमलनाथ से जुड़े हुए लोग ही सक्रिय नजर आते हैं वह भी सड़कों पर नहीं उतरते। दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से यह स्थिति बदल जाएगी, क्योंकि कार्यकर्ताओं को विश्वास होगा कि दिग्विजय सिंह पावर में है और उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

मध्यप्रदेश में कहते हैं कि दिग्विजय सिंह का काटा पानी नहीं मानता, यानी दिग्विजय सिंह यदि किसी कांग्रेसी नेता को दिया गया वचन नहीं निभाते तब भी वह नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बगावत नहीं करता, बल्कि अगले अवसर की तलाश करता है। कहते हैं कि दिग्विजय सिंह उस कला में माहिर हैं, कांग्रेस के दावेदारों के सामने से उनका पक्का टिकट खींच ले जाते हैं और भूख से तड़पता नेता नए प्रत्याशी का प्रचार भी करता है।

कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ की परमिशन के बिना आए दिग्विजय सिंह को वापस लौटा दिया था। मिलने से इंकार कर दिया था। अब उन्हें किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कमलनाथ की परमिशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

मध्यप्रदेश में फिलहाल कांग्रेस और कमलनाथ का मतलब एक ही निकाला जाता है लेकिन दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने के बाद कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी। कमलनाथ नेता बने रहेंगे लेकिन कांग्रेस उनकी जेब से बाहर निकल आएगी। 

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी में सक्रिय एक जाति विशेष के नेता पिछले काफी समय से नजरअंदाज और अपमानित किए जा रहे थे। दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने पर उनका सम्मान लौट आएगा। 

वैसे तो हर जिले में असर दिखाई देगा परंतु ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया कमजोर होंगे और इसका फायदा नरेंद्र सिंह तोमर को मिलेगा। दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते भारतीय जनता पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम कैंडिडेट बनाना तो दूर की बात, दावेदारों की लिस्ट में रखने का भी रिस्क नहीं लेगी। सब जानते हैं। दोनों परिवारों के बीच काफी गहरे संबंध हैं और दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया को सम्मानित करने का कोई भी मौका नहीं चूकते।

ओवरऑल दिग्विजय सिंह का कद बढ़ जाएगा और नर्मदा यात्रा के बाद भी जनता के दिलों में जगह बनाने में नाकाम रहे दिग्विजय सिंह को मध्यप्रदेश में लोकप्रिय होने का एक और मौका मिल जाएगा। 

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