मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में पटवारी और पुलिस से पीड़ित एक युवती ने थाना परिसर में खुद को आग लगा ली। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई है। इस घटना के बाद पुलिस ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया है परंतु शासन ने पटवारी का साथ देने वाले पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड नहीं किया है।
पटवारी ने जाल में फंसाया, दैहिक शोषण किया
जानकारी मिली है कि 26 वर्ष की निर्धन ब्राह्मण परिवार की युवती को पटवारी ने सरकारी नौकरी का लालच देकर अपने जाल में फंसाया और फिर उसकी मर्जी के बिना फिजिकल रिलेशन बनाए। जब लड़की ने अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया तो पटवारी ने उसे शादी करने का वचन देकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से रोक लिया। लड़की एक बार फिर उसके झांसे में आ गई।
पुलिस ने FIR दर्ज करने के बजाए राजीनामे के लिए दबाव बनाया
कुछ समय बाद पटवारी ने शादी करने से मना कर दिया। लड़की जब शहडोल जिले के अमलाई पुलिस थाने में पटवारी के खिलाफ FIR दर्ज कराने गई तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया बल्कि पटवारी का पक्ष लेते हुए शिकायत वापस लेने और राजीनामा लिखने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
CM HELPLINE में शिकायत के बदले पुलिस ने झूठी FIR दर्ज कर डाली
पुलिस का पक्षपात देखकर लड़की ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। लड़की की शिकायत से नाराज होकर पुलिस अधिकारी ने उसे बताया कि उसके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इसके बाद लड़की की न्याय की उम्मीद टूट गई। वह शुक्रवार दिनांक 2 सितंबर 2022 को पुलिस थाने पहुंची और थाना परिसर में खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली।
पहले प्रॉपर्टी विवाद बताया, फिर पटवारी को गिरफ्तार कर लिया
इस घटना के प्रकाश में आते ही सबसे पहले पुलिस डिपार्टमेंट ने मामले को छुपाने की कोशिश की। प्रारंभ में पत्रकारों को बताया गया कि प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद है। दोनों पक्ष थाना परिसर में आपस में बहस कर रहे थे और तभी लड़की ने खुद को आग लगा ली, लेकिन बाद में चुपके से पटवारी के खिलाफ लड़की से बलात्कार की FIR दर्ज की और उसे गिरफ्तार कर लिया।