मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग में एक असामान्य मामला सामने आया है। नरेंद्र छटिये नाम के एक कर्मचारी ने शिकायत की है कि रेंजर धरमवीर सोलंकी ने उसके छुट्टी के आवेदन पर " सेवाएं समाप्त" लिख दिया और फिर उसे आवंटित सरकारी क्वार्टर भी खाली करवा लिया। कर्मचारी का कहना है कि रेंजर ने एसडीओ दिनेश वास्केल के कहने पर ऐसा किया, क्योंकि उसने एसडीओ वास्केल की कार साफ करने से मना कर दिया था।
मामला मध्यप्रदेश के इंदौर जिले का है। कर्मचारी नरेंद्र को 27 जून को नौकरी से हटाया गया। इंदौर के पत्रकारों को नरेंद्र ने बताया कि वह 8 साल से स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) इंदौर में काम कर रहा था। 15 जून को उसकी तबीयत खराब हो गई और इलाज कराने के लिए वह एमवाय अस्पताल आया था। तभी एसडीओ दिनेश वास्केल के ड्राइवर राजेश डामोर का फोन आया। उसने एसडीओ साहब की गाड़ी साफ करने के लिए कहा। नरेंद्र बीमार था इसलिए उसने मना कर दिया।
इसके कारण रेंजर धरमवीर सोलंकी गुस्सा हो गए और उन्होंने काफी भला बुरा कहा। जब उसने छुट्टी का आवेदन प्रस्तुत किया तो उसी आवेदन पर उसकी सेवाएं समाप्त लिख दिया। कर्मचारी नरेंद्र ने पत्रकारों को बताया कि उसने रेंजर और एसडीओ से माफी मांगी। वन मंत्री विजय शाह, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइन और प्रभारी डीएफओ एसटीएसएफ से दोनों की शिकायत की परंतु कुछ नहीं हुआ। उल्टा उसका सरकारी क्वार्टर भी खाली करवा लिया गया।
इस मामले में पीड़ित कर्मचारी द्वारा सुनाई गई कहानी सही है या नहीं यह तो तभी पता चल पाएगा जब मामले की जांच होगी परंतु छुट्टी के आवेदन पर सेवाएं समाप्त लिख देना, इस समाचार को प्रकाशित करने का प्रमुख कारण है।