मध्यप्रदेश में आसमान रंगीन होने लगा है। मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे कहते हैं कि ऐसा तब होता है जब मानसून विदा होने लगता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ठंडी हवाएं लंबे समय तक चलेंगी। शीत ऋतु के प्रारंभ होने से पहले ही तापमान गिर जाएगा और लोगों को ठंड का एहसास होने लगेगा।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल मानसून समय से पहले विदा हो जाएगा। सितंबर के महीने में बादलों की विदाई होगी और अक्टूबर के महीने से ठंड का एहसास शुरू हो जाएगा। मौसम वैज्ञानिक श्री पांडे के अनुसार अक्टूबर के सेकंड वीक में रात के समय तापमान गिर जाएगा जबकि दिन में तापमान सामान्य रहेगा।
वैसे दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है परंतु इस बार इसकी शुरुआत नवंबर से हो सकती है। कड़ाके की ठंड वाले दिनों की संख्या पिछले साल की तुलना में 25% ज्यादा हो सकती है। कड़ाके की ठंड का मतलब होता है ऐसा समय जब औसत तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाए।
कुल मिलाकर मध्य प्रदेश के लोगों को बाढ़ के बाद कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि 15 अक्टूबर के आसपास रात के समय पंखे बंद करने और कंबल ओढ़ने की स्थिति बन जाए तो समझ लीजिए कि नवंबर, दिसंबर और जनवरी में कड़कड़ाती ठंड पड़ेगी।