मध्यप्रदेश में एक बार फिर कई जिलों में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई है। नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। जबलपुर में बरगी बांध के 11 दरवाजे खोल दिए गए हैं। उज्जैन में शिप्रा नदी उफान पर है। छिंदवाड़ा में एक दर्जन से ज्यादा गांव के चारों तरफ पानी भर गया है। सभी रास्ते बंद हो गए हैं।
तवा बांध का वाटर लेवल बढ़ गया, 3 गेट खोले
राजधानी भोपाल में मंगलवार की रात से भारी बारिश शुरू हो चुकी है। इंदौर में भी वैसी ही स्थिति है। अशोक नगर, नर्मदापुरम, शिवपुरी, छिंदवाड़ा में भी बारिश का सिलसिला जारी है। नर्मदापुरम के तवा डैम में पानी बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से 3 गेट खोलकर 16 हजार 70 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे पहले मंगलवार को 11 गेट खोले गए थे। इस सीजन में तवा डैम के गेट 32 बार खुल चुके हैं। 15 जुलाई को पहली बार गेट खुले थे। वहीं सभी 13 गेट 18 जुलाई, 15-16 अगस्त और 23 अगस्त को खुले। डैम की जलभराव क्षमता 1166 फीट है। इस बार सितंबर की 8 तारीख को ही डैम 100 फीसदी से ज्यादा भरा गया। जिस कारण सितंबर माह में मंगलवार को डैम के 11 गेट खोले गए। पिछले साल 15 सितंबर को पहली बार गेट खुले थे। जबकि इस बार 15 जुलाई को गेट खुले। 60 दिन में 32 बार गेट खोले गए हैं।
उज्जैन में घाट किनारे के मंदिर डूबे
उज्जैन में पिछले 24 घंटों में करीब एक इंच पानी गिर चुका है। तेज बारिश की वजह से शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रामघाट स्थित मंदिर आधे से ज्यादा डूब गए हैं। यहां बने छोटे पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। रायसेन में भी मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां रातभर से कभी धीमी तो कभी तेज बारिश हो रही है।
जबलपुर में बरगी डैम के 11 गेट खुले
जबलपुर में बरगी डैम के 11 गेट खुले हुए हैं। लगातार पानी की आवक से नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर 12 घंटे में नर्मदा नदी का जलस्तर 8 फीट बढ़ा है। बरगी बांध के ईई एके सूरे ने बताया, बरगी बांध अपनी क्षमता से अधिक 422.95 मीटर तक भर गया है। अभी 2094 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध के 13 गेट 1.53 मीटर तक खुले हैं। घाटों पर भी 6 से 8 फीट तक पानी बढ़ा है।
छिंदवाड़ा : 15 गांवों का शहर से संपर्क कटा
छिंदवाड़ा में भी रातभर से रुक-रुक कर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश हो रही है। मंगलवार को तेज बारिश के बाद सौंसर और बहुआ ब्लॉक की सीमा से लगे 15 गांव नाले के उफान पर आने से शहर से कट गए। दोपहर में देवी और बड़ोस के बीच उफनाए नाले को पार करते समय बाइक सवार बह गया। किनारे खड़े ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला। पिपल से कोपरावाड़ी मार्ग पर जाम नदी के रपटे पर पानी आ गया। जिले में अभी तक 1452.1 मिमी (57 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 863 मिमी (34 इंच) औसत वर्षा दर्ज की गई थी।
प्रदेश में दो सिस्टम और बनेंगे
मौसम विभाग के अनुसार इस महीने अब तक बारिश के लिए प्रदेश में दो सिस्टम बने, हालांकि ज्यादा बारिश नहीं होने से जुलाई और अगस्त की तुलना में 15% बारिश भी नहीं हो सकी। जिसके चलते मौसम विभाग ने इस महीने ज्यादा बारिश नहीं होने की उम्मीद जताई थी। हालांकि अभी दो और सिस्टम बनने की उम्मीद है। जिसमें से एक 17 सितंबर तक बनने की संभावना है। हालांकि उससे भी बहुत ज्यादा पानी गिरने की संभावना नहीं है।
दो सिस्टम में से एक ने ही हल्की बारिश कराई
मध्यप्रदेश में 1 सितंबर से लेकर 13 सितंबर तक दो सिस्टम बने। पहला सिस्टम 8 सितंबर को बना, लेकिन इससे कुछ खास बारिश नहीं हुई। दूसरा सिस्टम 12 सितंबर से बना। इससे अब तक सबसे ज्यादा बारिश खंडवा में 4 इंच तक हुई है। इसके अलावा प्रदेश भर में रिमझिम बारिश हुई है। मौसम विभाग ने इस दौरान जबलपुर, भोपाल, इंदौर समेत आधे एमपी के इलाकों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की थी, लेकिन अनुमान सटीक नहीं बैठे। मौसम विभाग ने शुरुआती 7 दिन जहां-जहां बारिश का अलर्ट जारी किया था, उनमें से एक-दो जगह को छोड़कर कहीं भी ज्यादा पानी नहीं गिरा। जहां सिर्फ गरज-चमक की चेतावनी जारी की, वहां जमकर बारिश हुई।
नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा साढ़े 3 इंच पानी गिरा
24 घंटे यानी मंगलवार सुबह साढ़े 8 बजे से बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे तक नर्मदापुरम में साढ़े 3 इंच, पचमढ़ी में 3 इंच, सागर, रायसेन, छिंदवाड़ा में 2.5-2.5 इंच, गुना, मंडला, नरसिंहपुर में 2-2 इंच, इंदौर, भोपाल, दमोह में 1.5-1.5 इंच, शिवपुरी, दतिया, रीवा, खरगोन, खंडवा और जबलपुर में करीब 1-1 इंच, ग्वालियर, खरगोन, सतना, उज्जैन, बैतूल और सीधी में आधा-आधा इंच पानी गिरा है। इसके अलावा धार और उमरिया भी भीगे हैं।