MPPSC आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी चयन प्रक्रिया बदली जाए: कमलनाथ की मांग- NEWS TODAY

Bhopal Samachar
भोपाल
। मप्र लोक सेवा आयोग प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी द्वितीय श्रेणी के 692 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया संचालित कर रहा है। मध्यप्रदेश में लगभग 15000 डिग्री धारी आयुर्वेदिक डॉक्टर बेरोजगार हैं। इनका कहना है कि एमपीपीएससी द्वारा बनाई गई चयन प्रक्रिया न्याय संगत नहीं है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह चयन प्रक्रिया को न्याय संगत बनाएं। 

श्री कमलनाथ ने आज बयान जारी कर कहा कि बेरोजगार चिकित्सकों ने उन्हें जो सूचना दी है, उसके अनुसार आयुष विभाग द्वारा मध्यप्रदेश आयुष विभाग सेवा भर्ती नियम 2013 में संशोधन किया गया। इस कारण आयुष चिकित्सक के पद पर कार्यरत अथवा पूर्व में कार्यरत रहे संविदा आयुष चिकित्सकों को भर्ती की लिखित परीक्षा में निर्धारित पूर्णांकों के 3 प्रतिशत अंक प्रतिवर्ष के मान से अधिकतम 5 वर्ष हेतु 15 प्रतिशत बोनस अंक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 

डॉक्टरों का कहना है कि मूल भर्ती नियमों में ऐसा प्रावधान नहीं किया गया था। शासन द्वारा वर्ष 2018 में नियमों में संशोधन कर संविदा चिकित्सकों को बोनस अंक का लाभ मात्र एक बार देने का निर्णय लिया गया था, जिसे 2021 में संशोधन के साथ पुनः लागू किया गया है। 

श्री कमलनाथ ने कहा कि बेरोजगार चिकित्सकों का कहना है कि बोनस अंक का लाभ दिये जाने से पूर्व में कार्यरत रहे अथवा वर्तमान में कार्यरत संविदा चिकित्सकों को अधिकतम 67.5 अंक तक लिखित परीक्षा में सम्मिलित होने से ही मिल जायेंगे, जिससे नवीन अभ्यर्थियों के चयन की संभावनाएँ शून्य हो जायेंगी। 

उनका तर्क है कि वर्ष 2015 में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आयुष चिकित्सा अधिकारी की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्तकर्ता एवं कटऑफ अंक प्राप्तकर्ता के मध्य अंकों का अंतर 67.5 अंकों से अत्यधिक कम रहा है और इस तरह की स्थिति प्रचलित परीक्षा में निर्मित होने पर नवीन अभ्यर्थियों के चयन की संभावनाएँ समाप्त हो जायेंगी। इस विषय में माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वाेच्च न्यायालय में याचिकायें भी विचाराधीन है।

श्री कमलनाथ ने कहा कि बेरोजगार चिकित्सकों का कहना है कि संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों को अवसर प्रदान करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05 जून, 2018 में जारी निर्देशानुसार लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले श्रेणी-1, 2 के चिन्हित पदों पर संविदा सेवकों को नियमित भर्ती में अवसर देने के लिए कार्यरत अवधि अनुसार अधिकतम 55 वर्ष तक की आयु सीमा में छूट का लाभ प्रदान किये जाने के निर्देश हैं, अन्य कोई नहीं। 

उक्त नियमों को न्याय के आधार पर निरस्त करने, दिनांक 25 सितम्बर 2022 को आयोजित भर्ती परीक्षा स्थगित करने एवं न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों के निराकरण उपरांत ही परीक्षा आयोजित किया जाना न्यायोचित होगा। 

श्री कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री इस पूरे मामले पर गंभीरता से ध्यान दें और आयोग को निर्देश दें कि बेरोजगार चिकित्सक और संविदा चिकित्सक दोनों के ही अधिकारों का हनन न हो। भर्ती प्रक्रिया के नियमों में इस तरह संशोधन किया जाये कि न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत का पालन हो सके।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!